द न्यूज गली, नोएडा : नोएडा अथॉरिटी के पूर्व ओएसडी रवींद्र सिंह यादव की अकूत संपत्तियों की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी करेगा। विजिलेंस विभाग द्वारा हाल ही में नोएडा और इटावा में उनके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 50 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज़ मिले। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।
ईडी ने विजिलेंस विभाग को लिखा पत्र
ईडी ने विजिलेंस विभाग को पत्र लिखकर रवींद्र सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर दर्ज एफआईआर की प्रमाणित प्रति मांगी है। विजिलेंस विभाग ने भी यह खुलासा किया है कि पूर्व ओएसडी के पास दर्ज संपत्तियों से कई गुना अधिक काली कमाई का शक है।
15 सालों के घोटालों पर ईडी की नजर
ईडी ने नोएडा अथॉरिटी से बीते 15 सालों में अहम पदों पर तैनात अधिकारियों का ब्योरा भी मांगा है। इस सूची में अब रवींद्र सिंह यादव का नाम भी शामिल हो गया है। बताया जा रहा है कि उनके कार्यकाल में कई बड़े घोटाले हुए है, जिनकी जांच जारी है।
इटावा में दर्जनभर संपत्तियां
विजिलेंस विभाग ने इटावा में यादव की दर्जनभर से अधिक संपत्तियों और स्कूलों की जानकारी संबंधित विभागों से मांगी है। इसके बाद पूर्व ओएसडी और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
ईडी की कार्रवाई तेज
विजिलेंस छापेमारी में मिले सुबूतों के आधार पर ईडी का मानना है कि रवींद्र सिंह यादव और उनके परिवार ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारी संपत्ति अर्जित की है। अधिकारियों को शक है कि 50 करोड़ की संपत्ति तो केवल एक छोटा हिस्सा है।