द न्यूज गली, नोएडा : थाना एक्सप्रेसवे पुलिस ने एक संगठित फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर बड़ा साइबर ठगी रैकेट बेनकाब किया है। यह फर्जी कॉल सेंटर जेपी कोसमोस बिल्डिंग के टावर केएम-7 के 17वें माले पर संचालित हो रहा था, जहां से विदेशी नागरिकों को लोन देने के नाम पर ठगने की साजिश रची जा रही थी।
पुलिस ने इस कार्रवाई में कुल 12 लोगों (10 पुरुष और 2 महिलाएं) को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 10 लैपटॉप, 16 मोबाइल फोन, 9 लैपटॉप चार्जर, 9 हेडफोन, 5 कीबोर्ड, 5 माउस, 1 इंटरनेट राउटर और 1 आईफोन चार्जर बरामद किया गया है।
कैसे करते थे ठगी
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी गूगल ऐप्स के माध्यम से विदेशी लोगों का डाटा खरीदते थे और फिर टेलीग्राम व स्काइप ऐप्स के ज़रिए उनसे संपर्क करते थे। लोन देने का झांसा देकर यह लोग पहले $300 की मांग करते, जो गिफ्ट कार्ड के रूप में लिया जाता। जिनके पास पैसे नहीं होते, उन्हें नकली चेक भेजे जाते थे, जिन्हें पीड़ित अपने बैंक में जमा कर पैसा प्राप्त करते थे। वह पैसा अंततः आरोपियों तक गिफ्ट कार्ड के ज़रिए पहुंचता।
पैसे का भुगतान आमतौर पर यूएसडीटी (डिजिटल करेंसी) या गिफ्ट वाउचर्स (जैसे Apple eBuy, Walmart आदि) के रूप में किया जाता था। यह गिरोह भारत में बैठे-बैठे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था।
इनकी हुई गिरफ्तारी
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में महाराष्ट्र, गुजरात, नागालैंड, मणिपुर, प. बंगाल और बिहार के निवासी शामिल हैं।
मुस्तफा शेख (महाराष्ट्र)
चिनेवे (नागालैंड)
दिनेश पांडे (प. बंगाल)
उमर सम्सी (महाराष्ट्र)
सोहिल अजमिल और आफताब कुरैशी (गुजरात)
सत्यनारायण मंडल और राम सेवक (बिहार)
थिजनो लुटो और निबूले अकामी (नागालैंड)
