द न्यूज गली, नोएडा: नोएडा के सेक्टर-16ए स्थित विद्युत निगम के मुख्य अभियंता कार्यालय में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब सैकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। डूब क्षेत्र में बसे गांवों और कॉलोनियों को अब तक बिजली कनेक्शन न मिलने से नाराज किसानों ने चेतावनी के बाद यह कदम उठाया।
महापंचायत कर विद्युत निगम को चेताया
दरअसल, करीब दो सप्ताह पहले सेक्टर-115 स्थित डूब क्षेत्र में किसानों ने महापंचायत कर विद्युत निगम को चेताया था कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सीधे निगम कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे। तय समय सीमा बीतने के बाद भी कोई ठोस निर्णय न आने पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और वे बड़ी संख्या में सेक्टर-16ए स्थित कार्यालय पहुंच गए।

सुरक्षा और यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद
किसानों के हल्ला बोल की सूचना मिलते ही डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद मौके पर पहुंचे और हालात संभाले। कार्यालय परिसर और आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। व्यस्त इलाके को देखते हुए यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की भी तैनाती की गई। एहतियातन दमकल विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
वर्षों पुरानी है डूब क्षेत्र की समस्या
प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर का डूब क्षेत्र वर्षों से सरकारी उपेक्षा का शिकार है। सरकार ने पुनर्वास के तहत उन्हें मकान तो उपलब्ध करा दिए, लेकिन बुनियादी सुविधा बिजली आज तक नसीब नहीं हुई। मजबूरी में लोग या तो जनरेटर के सहारे जीवन गुजार रहे हैं या फिर अवैध रूप से बिजली लेने को विवश हैं, जहां तय दर से कई गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
किसानों ने सवाल उठाया कि जब जमीन और मकान दिए जा चुके हैं तो बिजली कनेक्शन देने में आखिर अड़चन क्या है? उनका कहना है कि इस मुद्दे पर कई बार विद्युत निगम से बातचीत हुई, लेकिन फैसला शासन स्तर पर अटका हुआ है।
45 से अधिक कॉलोनियां आज भी अंधेरे में
भारतीय किसान परिषद के अनुसार डूब क्षेत्र में पुश्ता इलाके की राम विहार, उन्नति विहार सहित 45 से ज्यादा कॉलोनियां आज भी बिजली से वंचित हैं। इन कॉलोनियों की रजिस्ट्री और अन्य जरूरी दस्तावेज नोएडा प्राधिकरण द्वारा पूरे कराए जा चुके हैं, इसके बावजूद बिजली कनेक्शन नहीं दिए गए। हालात यह हैं कि अवैध बिजली सप्लाई करने वाले डीलर प्रति यूनिट 15 से 20 रुपये तक वसूल रहे हैं।
