द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: एफआई इंडिया का 19वां संस्करण और प्रोपैक इंडिया एक्सपो के 7वें संस्करण के साथ मिलकर एक शुरुआत के साथ शुरू हुआ। जिसमें खाद्य सामग्री, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और आपूर्ति श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारकों को आकर्षित किया गया। यह शो 3 से 5 सितंबर, 2025 तक इंडिया एक्सपो मार्ट ग्रेटर नोएडा में चल रहा है। जो वैश्विक और भारतीय हितधारकों को नेटवर्क बनाने, नवाचार करने और भोजन के भविष्य को आकार देने के लिए एक साथ ला रहा है। शो में 15 हजार से अधिक पेशेवर हिस्सा लेंगे। जिसमें 340 से अधिक प्रदर्शक और मजबूत अंतरर्राष्ट्रीय भागीदारी शामिल है। यह मंच दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते खाद्य और पेय बाजारों में से एक में उच्च-मूल्य की सोर्सिंग, सहयोग और निवेश को सक्षम करना जारी रखता है।
निरंतर बढ़ रहा बाजार
इस अवसर पर इन्फॉर्म मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुदरास ने कहा कि भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक परिवर्तनकारी चरण से गुजर रहा है। जो बढ़ती स्वास्थ्य चेतना, जैविक और पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों के लिए बढ़ती पसंद, और आहार पैटर्न में उल्लेखनीय बदलाव से प्रेरित है। जैविक खाद्य बाजार के 2025 तक 75,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। अधिकांश उपभोक्ता स्वस्थ विकल्पों के लिए प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार हैं, उद्योग फल, सब्जियों और पौधों पर आधारित पेशकशों में तेजी से विस्तार देख रहा है। उन्होंने कहा कि एफआई इंडिया और प्रोपैक इंडिया उद्योग के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं। नवाचार का प्रदर्शन, सार्थक संवाद को प्रोत्साहित करना, और व्यवसायों को उपभोक्ताओं की बढ़ती जरूरतों के साथ संरेखित करने में सक्षम बनाना। ज्ञान के आदान-प्रदान और सफलताओं को उजागर करके, यह वैश्विक खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करता है। जबकि मूल्यवर्धन, निर्यात और रोजगार सृजन के लिए नए रास्ते खोलता है।
भारत की स्थिति मजबूत
इस अवसर पर डॉ. प्रबोध हल्दे, चेयरमैन, चैंबर फॉर एडवांसमेंट ऑफ स्मॉल एंड मीडियम बिजनेसेस ने कहा, वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत के फूड प्रोसेसिंग और इंग्रीडिएंट उद्योग का बहुत महत्व है। यह बाजार 8-9 बिलियन डॉलर का है और लगातार बढ़ रहा है। इसमें आयुर्वेद, हर्बल, ऑर्गेनिक उत्पाद और FSSAI के ‘आहार’ जैसे मानक अहम भूमिका निभा रहे हैं। भारत की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपस्थिति मजबूत हुई है, जिससे किसानों की आय बढ़ रही है। हल्दी जैसे तत्व स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

