द न्यूज गली, नोएडा : साइबर अपराधियों ने भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व कर्मी और उनकी बुजुर्ग पत्नी को 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 3.15 करोड़ रुपये ठग लिए। जालसाजों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश के नाम पर धोखाधड़ी मामले में शामिल होने का भय दिखाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। ठगी की जानकारी होने पर पीड़ित ने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

78 वर्ष के है पीड़ित बिरज
नोएडा के सेक्टर-75 स्थित गार्डेनिया गेटवे सोसाइटी निवासी 78 वर्षीय बिरज कुमार सरकार ने बताया कि वह फ्लैट में 71 वर्षीय पत्नी के साथ रहते हैं। वह आरबीआई समेत विभिन्न बैंकों में बड़े पदों पर रह चुके हैं। 25 फरवरी को अंजान नंबर से उनके पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताया। पूर्व में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर के बारे में पूछने लगा। कारण पूछा तो उसने बताया कि उनके खिलाफ मुंबई के कोलाबा थाने में शिकायत दर्ज है। उसने 26 फरवरी को पुलिस अधिकारी से बात कराई। उस अधिकारी ने कहा कि उनका संबंध नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश के नाम पर धोखाधड़ी मामले शामिल बताया जा रहा है। उन्होंने मुंबई आकर जांच में सहयोग करने के लिए कहा। जाने में असमर्थता जताई तो जालसाजों ने उन्हें और उनकी पत्नी को वीडियो कॉल के जरिये ही डिजिटल अरेस्ट कर लिया। जांच पूरी होने तक किसी से संपर्क करने और किसी को इस जांच के बारे में न बताने के लिए कहा।

ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया
उनसे बात करने वालों ने खुद को सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी होने का दावा किया। उन्होंने कथित रूप से भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने ऑनलाइन प्रस्तुत कराया। साथ ही बैंक खातों और एफडी में जमा रकम को फ्रीज करने और उन्हें सीक्रेट सुपर विजन अकाउंट में डालने का आदेश दिया। कार्रवाई के भय के चलते पीड़ित ने धीरे-धीरे करके आरटीजीएस के माध्यम से जालसाजों द्वारा बताए बैंक खातों में 3,14,59,966 रुपये ट्रांसफर कर दिए। उन्हें 26 फरवरी से 13 मार्च के बीच डिजिटल अरेस्ट रखा। हालांकि इस दौरान दंपति को सिर्फ खाने और दैनिक प्रक्रिया करने की छूट दी गई।