द न्यूज गली, नोएडा : थाना फेस-3 पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक खाते खुलवाकर उन्हें साइबर अपराधियों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपियों में मैनपुरी के रहने वाले वरुण प्रताप सिंह, सार्थक गुप्ता, अर्थव दीक्षित और मोनू यादव शामिल हैं। इनके खिलाफ थाना फेस-3 में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

गिरफ्तारी व बरामदगी
पुलिस ने बीट पुलिसिंग व इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के आधार पर आरोपियों को सेक्टर-66 स्थित एम ब्लॉक के पास ग्रीन बेल्ट से पकड़ा। पुलिस ने उनके कब्जे से चार मोबाइल फोन, सात डेबिट कार्ड, एक चेकबुक और एक सफेद रंग की बलेनो कार (UP84 AM 2186) बरामद की है।

अपराध का तरीका
पुलिस के अनुसार, आरोपियों का गिरोह फर्जी दस्तावेजों से बैंक खाते खुलवाकर उन्हें साइबर ठगों को बेचता था। ये खाते डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ठगी जैसे साइबर अपराधों में उपयोग किए जाते थे। हर खाते की लिमिट 50 लाख से पांच करोड़ रुपये तक तय की जाती थी।

मुख्य आरोपी मोनू यादव प्रति खाता 60 हजार रुपये में खाते की किट (चेकबुक, डेबिट कार्ड, सिम आदि) सप्लाई करता था। उसने अपने साथियों वरुण प्रताप, सार्थक और अर्थव से फर्जी अकाउंट खुलवाकर यह सामग्री रोहित यादव नामक व्यक्ति को उपलब्ध कराई। आरोपियों को खाते के सक्रिय रहने तक रोजाना 50 हजार रुपये तक का भुगतान किया जाता था।

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ये आरोपी ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के जरिए आने वाले पैसों को इन खातों में ट्रांसफर करवाते थे। इसके लिए वॉट्सऐप वॉयस कॉल और Disappearing Chat का इस्तेमाल करते थे ताकि सबूत न मिल सके। मोनू यादव के मोबाइल से पहले बेचे गए तीन और फर्जी खातों की जानकारी भी मिली है।