द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तहत प्रस्तावित ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) को ज्यूरिख एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यह सेंटर यात्रियों को विश्वस्तरीय परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराएगा, जिससे एयरपोर्ट तक पहुंचना और वहां से गंतव्य तक जाना बेहद सुगम होगा।

एक छत के नीचे सभी परिवहन सुविधाएं
नोएडा एयरपोर्ट पर सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए जीटीसी की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र एक ही छत के नीचे परिवहन सेवा और पार्किंग की सुविधा प्रदान करेगा। यात्री अपने वाहन यहां पार्क कर सीधे टर्मिनल भवन तक पहुंच सकेंगे। यहां 40 से अधिक बसों, 4,500 कारों और 3,500 कर्मचारियों के दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा होगी।

एयरपोर्ट से निर्बाध कनेक्टिविटी
हवाई अड्डे के व्यावसायिक संचालन शुरू होने के साथ ही ई-बसें, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली से जुड़ने वाली ई-टैक्सी, रोडवेज बसें और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सीधे जीटीसी तक आएंगी। इससे यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।

हीथ्रो और फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट जैसा होगा मॉडल
नोएडा एयरपोर्ट के जीटीसी को लंदन के हीथ्रो और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जाएगा। यहां से यात्रियों को निजी और सार्वजनिक परिवहन के बीच आसानी से कनेक्टिविटी मिलेगी। भविष्य में रैपिड रेल, हाई-स्पीड रेल, पॉड टैक्सी और लाइट रेल जैसी सेवाओं को भी इसमें जोड़ा जा सकेगा।

भविष्य की परिवहन जरूरतों को ध्यान में रखकर होगा विकास
नोएडा एयरपोर्ट के मास्टर प्लान के मुताबिक जीटीसी का विकास तीसरे चरण में किया जाएगा। इसे इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यात्री एयरपोर्ट पर उतरने के बाद अपने पसंदीदा परिवहन साधन के जरिए अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सके।

मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनेगा जीटीसी
जीटीसी एक केंद्रीय मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्टेशन हब के रूप में काम करेगा, जो यात्रियों के लिए परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच सुगम स्थानांतरण सुनिश्चित करेगा। यहां मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन की सुविधा भी होगी। इसके अलावा, भवन के विभिन्न स्तरों पर वाणिज्यिक क्षेत्र, रेस्तरां और लाउंज भी विकसित किए जाएंगे।

4-5 वर्षों में शुरू होगा निर्माण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ, डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि जीटीसी का निर्माण अगले 4-5 वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है। इससे पहले, हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं शुरू होने से पहले जीटीसी क्षेत्र को ई-बसों और टैक्सियों के संचालन के लिए तैयार किया जाएगा।