-दोबारा लापरवाही मिलने पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी
-कार्रवाई के बाद अन्य बिल्डरों के माथे पर पड़ा बल
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: जहां एक तरफ सीवर के जल को शोधित करने को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लगातार प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस मामले में बिल्डरों के द्वारा अपनी मनमार्जी की जा रही है। सीवर के पानी को बिना शोधित किए ही नाले में गिराया जा रहा है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम ने विभिन्न बिल्डर सोसायटी में पहुंचकर जांच की। लापरवाही मिलने पर 7 बिल्डरों पर 54 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। सभी को चेतावनी दी गई कि दोबारा जांच में कमी मिलने पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही , लीज डीड और भवन नियमावली के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इन बिल्डरों पर हुई कार्रवाई
प्राधिकरण की टीम ने सेक्टर एक स्थित राजहंस रेजिडेंसी, पैरामाउंट इमोशंस, देविका होम्स, कैपिटल एथिना और पंचशील हाइनिस, टेकजोन- 4 स्थित जेएम फ्लोरेंस और सेक्टर 16 स्थित पंचशील ग्रीन्स-2 सोसायटी पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की है। जुर्माने की रकम एनजीटी के खाते में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। चालान की एक प्रति प्राधिकरण को उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही सीवेज को शोधित कर साफ पानी को रियूज करने को कहा है। प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह का कहना है कि सीवरेज को शत-प्रतिशत शोधित करने और साफ पानी को रियूज करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रयासरत है। यह प्रयास तभी सफल हो सकता है, जब ग्रेटर नोएडा के निवासी भी इसमें सहयोग करेंगे। बिल्डर सोसायटियों से निकलने वाले सीवरेज को शोधित करने के लिए एसटीपी को चलना अनिवार्य है। बिना शोधित किए सीवरेज को नाले में गिराने वालों पर आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
