द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: पुलिस ने बुधवार को 23.92 करोड़ के हाथरस जमीन घोटाले के मामले में हिमालय इंफ्राटेक के निदेशक विवेक जैन को दिल्ली से गिरफ्तार किया। आरोपी को मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया। यह गिरफ्तारी एसीपी प्रथम प्रवीण सिंह की गहन जांच के बाद हुई। इस मामले में यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ व पूर्व आईएएस पीसी गुप्ता समेत 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज है।

पांच हेक्टेयर के बदले 14.5 हेक्टेयर जमीन खरीदी
जांच में सामने आया कि यमुना विकास प्राधिकरण को हाथरस जिले में केवल पांच हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता थी, लेकिन अधिकारियों ने अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से 14.5 हेक्टेयर जमीन औने-पौने दाम में किसानों से खरीद ली। कुछ समय बाद इस जमीन की कीमत तीन गुना बढ़ाकर प्राधिकरण के माध्यम से बेची गई, जिससे शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ।

अधिकारियों और बिल्डरों की मिलीभगत
आरोप है कि जमीन अधिग्रहण से पहले यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों के माध्यम से जमीन खरीदी। इसमें हिमालय इंफ्राटेक के निदेशक विवेक जैन और तत्कालीन ओएसडी वीपी सिंह के साले संजीव कुमार की भूमिका प्रमुख थी। पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि बिल्डरों और प्राधिकरण के अधिकारियों की सांठगांठ से यह घोटाला अंजाम दिया गया।

मथुरा में भी हुआ ऐसा ही घोटाला
यह मामला अकेला नहीं है। इससे पहले मथुरा में भी ऐसा ही घोटाला सामने आया था, जहां 57 हेक्टेयर जमीन को इसी तरीके से खरीदकर प्राधिकरण के जरिए बेचा गया। मथुरा घोटाले में भी हाथरस मामले के आरोपी शामिल रहे है। पुलिस इस घोटाले से जुड़े अन्य मामलों की भी जांच कर रही है।

आरोपियों पर शिकंजा कसता हुआ
हिमालय इंफ्राटेक कंपनी के निदेशक विवेक जैन के साथ, सह निदेशक संजीव कुमार पर भी आरोप तय किए गए है। संजीव, यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन ओएसडी वीपी सिंह का साला है। पुलिस ने संजीव समेत 12 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। वहीं, कई अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और उनकी गिरफ्तारी की संभावना बनी हुई है।

धीमी जांच के बाद फिर से सक्रियता
2019 में बीटा-2 थाने में इस मामले को लेकर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। शुरुआत में जांच धीमी रही, लेकिन एसीपी प्रथम को जांच सौंपने के बाद इसे गति मिली। एसीपी ने प्राधिकरण और बिल्डरों की मिलीभगत का खुलासा किया, जिसके आधार पर विवेक जैन की गिरफ्तारी हुई। घोटाले में संलिप्त अन्य अधिकारियों और बिल्डरों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।