द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : जिला न्यायालय में बृहस्पतिवार को बिसाहड़ा के चर्चित अखलाक हत्याकांड की सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने लगातार दूसरी बार मामले की तारीख बढ़ाते हुए अब 23 दिसंबर तय की है। अगली सुनवाई में कोर्ट दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी।

इस बीच प्रदेश सरकार की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी लगाए जाने के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सरकार का कहना है कि राज्यपाल की अनुमति के बाद केस वापस लेने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में संयुक्त निदेशक अभियोजन ने सितंबर 2025 में जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी), गौतमबुद्धनगर को आवश्यक निर्देश जारी किए थे। अक्तूबर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी-एक) की अदालत में औपचारिक रूप से अर्जी दाखिल की गई, लेकिन अब तक दो बार तारीख पड़ने के बावजूद अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के लिए समय ले लिया।

यह था मामला
गौरतलब है कि 28 सितंबर 2015 की रात जारचा थाना क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में प्रतिबंधित पशु के मांस के सेवन की अफवाह के बाद भीड़ उग्र हो गई थी। भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर उन्हें बेरहमी से पीट दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना में उनका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हुआ था।

अखलाक की पत्नी की शिकायत पर शुरुआत में 10 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई थी। बाद में 16 अन्य आरोपियों के नाम जोड़े गए। पुलिस जांच के बाद कुल 18 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। बीते लगभग दस वर्षों से यह मामला अदालत में लंबित है।

अब सरकार की ओर से केस वापस लेने की पहल के बाद यह देखना अहम होगा कि 23 दिसंबर को अदालत क्या रुख अपनाती है।