-अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, तीन दिन से नहीं क्लीयर हो रहा था टीपीए में बिल
-मंगलवार को हंगामे के बाद दस मिनट में बिल हो गया क्लीयर
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: यथार्थ अस्पताल प्रबंधन पर महिला मरीज के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है। अस्पताल में मरीजों के साथ दुर्व्यवहार का यह पहला आरोप नहीं है। मंगलवार को अस्पताल में लगभग एक घंटे तक बवाल हुआ। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। विवाद बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हो गया। जो बिल तीन दिन से लटका हुआ था वह महज दस मिनट में ही क्लीयर हो गया। हंगामा अस्पताल के साथ-साथ सोसल मीडि़या पर भी चर्चा का विषय रहा।
यह हुआ था मामला
कासना गांव की रहने वाली सोनिया शर्मा को सास लेने में दिक्कत हो रही थी। एक अक्टूबर को उपचार के लिए यथार्थ अस्पताल ग्रेटर नोएडा में भर्ती हुई थी। उन्होंने अपना मेडिकल कराया हुआ था। पांच अक्टूबर को अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें साठ हजार रुपये का बिल दिया। मरीज के स्वजन ने कहा कि पैया इंश्योरेंस कंपनी देगी। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि कंपनी इंश्योरेंस का पैसा नहीं दे रही है। पैसा न देने पर डिस्चार्ज होने के बाद भी मरीज को अस्पताल में ही बैठाए रखा। समाजसेवी सविता शर्मा ने इंश्योरेंस कंपनी में जानकारी की। इंश्योरेंस कंपनी ने कहा कि मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं थी, उपचार ओपीडी में ही हो सकता था। यह विवाद तीन दिन चल चलता रहा।
बाउंसरों ने रात में धमकाया
सविता का कहना है कि यह तय हुआ था कि मामले में आठ अक्टूबर को 11 बजे मीटिंग करेंगे। सात अक्टूबर की रात महिला मरीज के कमरे में पहुंचकर पाच बाउंसरों ने उसे धमकाया। कहा पैसा जमा करें अस्पताल से जाएं। जानकारी होने पर आठ अक्टूबर को अस्पताल में हंगामा हुआ। सविता का कहना है जिस बिल का मामला तीन से लटका हुआ था, मंगलवार को विवाद के कुछ मिनट बाद ही वह क्लीयर हो गया। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि पैसा जमा हो गया आप जा सकते हैं। इस संबंध में अस्पताल के मीडिया प्रभारी गुल मोहम्मद का कहना है कि मामला हल हो गया है।