द न्यूज गली, नोएडा : गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के तहत आने वाले थानों में 2022 से लेकर सितंबर 2024 तक साइबर अपराध और आईटी एक्ट से जुड़े कुल 2036 मामले दर्ज किए गए है। इनमें सबसे अधिक मामले नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे शहरी इलाकों के थानों में दर्ज किए गए है।


इम थानों में हुए इतने मामले दर्ज
थाना सेक्टर 20 ने 302 मामलों के साथ सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके बाद थाना सेक्टर 39 में 283, थाना सेक्टर 24 में 207 और थाना सेक्टर 58 में 156 मामले दर्ज किए गए। वहीं, थाना फेस 1 और सेक्टर 113 में 171 मामले दर्ज हुए।


ग्रामीण इलाकों में साइबर अपराध कम
जागरूकता की कमी के विपरीत, ग्रामीण इलाकों में साइबर अपराध के कम मामले दर्ज किए गए है। थाना रबूपुरा में 10, थाना जेवर में 13, थाना इकोटेक प्रथम में 8 और थाना दनकौर में 12 मामले दर्ज किए गए। हालांकि, इन क्षेत्रों में न तो हेल्प डेस्क स्थापित की गई है और न ही जागरूकता के लिए वर्कशॉप आयोजित की गई।


जागरूकता अभियान में पिछड़ रहे कई थाने
साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के मामले में कुछ थानों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। जबकि कई थाने पिछड़े हुए है।
• थाना कासना ने केवल 13 मामले दर्ज किए, लेकिन 122 जागरूकता वर्कशॉप आयोजित कर मिसाल कायम की।
• थाना दादरी में 26 मामले दर्ज हुए और 26 वर्कशॉप भी आयोजित की गई।
• थाना सेक्टर 49 ने 84 वर्कशॉप आयोजित कीं और थाना एक्सप्रेसवे ने 64 वर्कशॉप की।
वहीं, थाना जेवर, थाना जारचा और थाना रबूपुरा जैसे थानों में न तो कोई हेल्प डेस्क स्थापित की गई और न ही वर्कशॉप आयोजित हुई।
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए सक्रिय थाने
कई थानों ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए हेल्प डेस्क स्थापित कर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया है।
• थाना सेक्टर 39 प्रत्येक बुधवार वर्कशॉप आयोजित करता है और यहां हेल्प डेस्क भी उपलब्ध है।
• थाना बिसरख, बादलपुर और सूरजपुर में समय-समय पर वर्कशॉप आयोजित की जाती है और हेल्प डेस्क भी स्थापित है।
• थाना सेक्टर 113 ने 65 वर्कशॉप आयोजित की है। जबकि थाना बिसरख और बादलपुर ने भी सक्रियता दिखाई है।


चिंताजनक स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र
ग्रामीण क्षेत्रों के थानों में साइबर अपराध के मामले कम होने के बावजूद जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है। थाना जेवर, रबूपुरा और जारचा में न तो हेल्प डेस्क स्थापित है और न ही वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इन इलाकों में साइबर अपराध की रोकथाम के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए है जो चिंताजनक है।


शहरों में साइबर अपराधों का बढ़ता खतरा
शहरी इलाकों में साइबर अपराध के अधिक मामले दर्ज होना यह दर्शाता है कि इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म का बढ़ता उपयोग अपराधियों के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की सीमित पहुंच और जागरूकता की कमी के कारण मामले कम है।


साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता और कार्रवाई जरूरी
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ हर थाने में हेल्प डेस्क स्थापित करना और नियमित वर्कशॉप आयोजित करना बेहद जरूरी है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।