-नॉलेज पार्क कोतवाली में शारदा विश्वविद्यालय के सहयोग से संचालित होता है एफडीआरसी
-क्‍लीनिक पर सैकड़ों परिवारों को टूटने से बचाने का हुआ है कार्य

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: जिले में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। जिसमें फैमिली डिस्प्यूट रिसोल्युशन क्लीनिक(एफडीआरसी) की भूमिका सबसे महत्‍वपूर्ण है। जिसका संचालन पिछले चार साल के दौरान नॉलेज पार्क कोतवाली में शारदा विश्वविद्यालय के सहयोग से किया जा रहा है। जहां पर पारिवारिक विवादों को बिना कानूनी कार्रवाई के खत्म किया जाता है। शुक्रवार को एफडीआरसी संचालन के चार साल पूरे होने पर स्‍थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्‍य अतिथि पुलिस कमिश्‍नर लक्ष्‍मी सिंह व एडिशनल कमिश्नर अजय कुमार, शारदा विश्वविद्यालय चांसलर पीके गुप्ता व  वाइस चांसलर डाक्‍टर सिबाराम खारा थे। 2024 में क्‍लीनिक पर 210 मामले आए, जिनमें से 199 मामले का सफल निवारण किया गया। सफलता 95 प्रतिशत रही जिसमें 11 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई।

रिश्‍तों को बनाना जरूरी
कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह कहा कि महिलाओं को ध्यान देना चाहिए कि जितना त्याग, बलिदान और मेहनत आप कर रही हैं उतना ही पुरुष कर रहा है। अगर यह बात दोनों को समझ आ गई तो ऐसी समस्या नही आएगी। किसी भी रिश्ते को तोड़ना बहुत आसान है लेकिन बनाया रखना बहुत मुश्किल है। जिंदगी में अच्छा करना है तो रिश्तों को बनाया रखना जरुरी है। तभी आप सफलता हासिल कर सकते है। अगर परिवार टूटता है तो सभी पर असर पड़ता चाहे वो महिला हो या पुरुष। एफआईआर करना और नामजद लोगों को जेल भेजना पुलिस के लिए बहुत आसान काम है। किसी टूटते हुए परिवार को जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। विशेषज्ञों द्वारा उचित परामर्श प्रदान किया जाता है ताकि एफआईआर दर्ज करने के बजाय एक लंबा समाधान खोजा जा सके। कहा कि यूपी के अन्य राज्यों में यह योजना लागू करने के लिए प्रदेश सरकार को भेजने के लिए प्रपोजल तैयार कर रहे है।

मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ
पीके गुप्ता ने कहा कि इस क्लिनिक को बेहतर बनाने के लिए पुलिसकर्मी और स्टाफ अच्‍छा काम कर रहे हैं। हमारा सपना है कि हम ऐसे स्टूडेंट्स दे जो समाज की बेहतरी और सेवा के लिए काम कर सके। एफडीआरसी में मनोवैज्ञानिक और लॉ विभाग अहम भूमिका निभा रहे।बिना एफआईआर से मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ है। सप्ताह में यह क्लिनिक दो दिन चलती है, हमारा यह प्रयास है कि इसे हम पूरे सप्ताह तक चला सके। उन्होंने कहा कि शारदा विश्वविद्यालय में काउंसलिंग सेंटर है यहां आकर लोग अपने विवादों को सुलझा सकते है।