द न्यूज गली, नोएडा : जेपी स्पोर्ट्स सिटी में वर्षों से अटके करीब 8000 फ्लैट खरीदारों की राह अब आसान होती दिख रही है। प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने और खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक पांच दिसंबर को लखनऊ में होगी। हाईकोर्ट के आदेश पर बनाई गई इस समिति की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार करेंगे। बैठक में अंतरराष्ट्रीय ऑडिट फर्म करी एंड ब्राउन अपनी विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
हाईकोर्ट ने दी थी समिति गठन की जिम्मेदारी
अधिकारियों के अनुसार, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) को आवंटित लगभग 1000 हेक्टेयर भूमि को बकाया भुगतान न होने पर निरस्त करने के यीडा के फैसले को हाईकोर्ट पूर्व में बरकरार रख चुका है। अदालत ने परियोजना को पूरा कराने के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाकर फ्लैट खरीदारों के हितों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही करी एंड ब्राउन को विस्तृत ऑडिट और समाधान सुझाव तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। अब यह रिपोर्ट समिति के समक्ष रखी जाएगी। यीडा के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह समिति की पहली बैठक है और इसमें परियोजना के भविष्य पर महत्वपूर्ण निर्णय संभव हैं। उम्मीद है कि इस बैठक के बाद लंबे समय से अटकी परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
स्पोर्ट्स सिटी को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर विकसित करने की तैयारी
यीडा का लक्ष्य है कि स्पोर्ट्स सिटी को केवल आवासीय परियोजना के रूप में नहीं, बल्कि एक विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित किया जाए। प्रस्तावित योजना में अत्याधुनिक खेल ढांचे का निर्माण शामिल है। साथ ही बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट को आधुनिक तकनीक के साथ पुनः संचालित करने की दिशा में भी तैयारी की जा रही है।
3000 करोड़ के बकाया से शुरू हुआ विवाद
2009-10 में जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को विशेष विकास क्षेत्र (SDZ) योजना के तहत 1000 हेक्टेयर भूमि आवंटित हुई थी। इसके अंतर्गत 10 आवासीय परियोजनाएं विकसित होनी थीं। वर्षों तक बकाया भुगतान न होने पर यीडा ने 2019 में आवंटन रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने पिछले साल इस निर्णय को सही ठहराया। प्राधिकरण का बकाया उस समय करीब 3000 करोड़ रुपये था, जो ब्याज सहित अब बढ़कर लगभग 8000 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
