द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : कासना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत दो दिसंबर को हुई प्रकाश बोसक की हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। मामले में चैंकाने वाला पर्दाफाश हुआ है। प्रकाश की हत्या उसके ही बेटे संतोष ने की थी। यह सब इंश्योरेंस के 50 लाख रूपये हड़पने के लिए किया गया। पुलिस ने चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद केस का पर्दाफाश कर आरोपी बेटे संतोष बोसक को धर दबोचा है। वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। करीब 20 सालों से वह नोएडा में रहता है। आरोपी का मसाला पैकेजिंग का काम है। काम में आर्थिक नुकसान होने पर आरोपी ने पूरी साजिश रची।
साढ़े बारह लाख का लिया था होम लोन
मृतक प्रकाश बोसक मूल रूप से गाँव बहोरा थाना टेढागाज जनपद किशनगंज राज्य बिहार के रहने वाले थे। लगभग 20 वर्ष पूर्व नोएडा में आकर किराए पर रहने लगे थे। प्रकाश व उसके बडे बेटे संतोष के द्वारा वर्ष 2022 में निजी बैंक से लगभग साढ़े बारह लाख रूपये का होम लोन लेकर जनपद बुलंदशहर में एक घर खरीदा गया था। जिसकी प्रतिमाह किस्त लगभग 12,500 रूपये थी। हर महीने की किस्त चुका पाना मृतक के परिवार के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था। इसलिए आरोपी संतोष और उसके पिता मृतक प्रकाश ने सोचा कि हम दूसरा लोन ले लेते हैं जिससे होम लोन भी खत्म हो जायेगा और कुछ पैसे भी मिल जायेंगे।
दोबारा लिया 21 लाख का लोन
दूसरी हाउसिंग फाईनेंस से लगभग इक्कीस लाख रूपये का लोन प्राप्त किया जिसमे से उन्हे लगभग साढ़े बीस लाख रूपये मिले। इनके द्वारा साढ़े बारह लाख रूपये निजी बैंक के होम लोन में जमा कर दिए तथा शेष लगभग 7,69,000 रूपये आरोपी संतोष ने अपने फर्म पीएसजी मसाला के बैंक खाते में जमा कर दिए। इस लोन पर मृतक प्रकाश का जीवन बीमा 60 प्रतिशत का था। इस लोन की किस्त लगभग 27,000 रूपये प्रतिमाह थी जो बहुत अधिक थी। शुरू के कुछ महीने तो किस्त देने में कोई दिक्कत नही हुई, लेकिन धीरे-धीरे बैंक का पैसा खत्म होने लगा और इनका काम भी ठीक नही चल रहा था।
कुछ समय पहले हुई इंश्योरेंस की जानकारी
कुछ समय पहले ही संतोष को पता चला की उसके पिताजी ने अपने 25-25 लाख रूपये के दो जीवन बीमा कराए हुए हैं, जिसमें आरोपी संतोष की माता नामिनी है। इन जीवन बीमा के बारे में घर में आरोपी संतोष व उसके पिताजी के अलावा किसी को नही पता था। संतोष का मसाला पैकेजिंग का काम है, जो उस समय अच्छा नही चल रहा था और आर्थिक तंगी हो गयी थी। संतोष ने योजना बनायी कि यदि वह अपने पिता जी को मार देगा तो दोनों जीवन बीमा का पैसा लगभग 50 लाख रूपये उसको मिल जायेगा और जो लोन लिया था उसका भी 60 प्रतिशत बीमा कम्पनी द्वारा बैंक को भुगतान कर दिया जायेगा। इसी लालच के कारण संतोष ने अपने पिता की हत्या कर दी।
ऐसे की हत्या
घटना के दिन सुबह ही संतोष ने योजनानुसार घर से ही सब्जी काटने वाला चाकू अपने बैग में रख लिया था और दोनांे दिल्ली चले गए। वापसी में संतोष द्वारा पूर्व योजनानुसार जानबूझकर पक्की सडक के रास्ते से न आकर सुनसान रहने वाली कच्ची सड़क ग्राम बिशवाना, थाना सिकन्द्राबाद पर स्कूटी लेकर चल दिया। आरोपी द्वारा योजनानुसार ज्वार के खेत के पास स्कूटी रोकी और पिता जी से कहा की यहाँ पेशाब कर लीजिये। मृतक जैसे ही स्कूटी से उतरे और पेशाब करने लगे उसी समय संतोष द्वारा अपने बैग से चाकू निकाला और पीछे से पिता पर वार कर हत्या कर दी गई। संतोष द्वारा उसी चाकू से अपनी छाती पर एक कट का निशाँन बनाया गया ताकि किसी को उस पर शक न हो और घटना सच्ची लगे। संतोष द्वारा वहां से 100 मीटर दूर समाधि के पास आकर खडा हो गया वही पर झाड में चाकू को छिपा दिया था। योजनानुसार संतोष ने अपने पिता मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और मृत्यु के तीन महीने के अंदर ही जीवन बीमा का पैसा लगभग 50 लाख रूपये अपनी माता के बैंक के खाते में प्राप्त कर लिए।
