द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: एकल श्रीहरि बनवासी फाउंडेशन के द्वारा डेल्‍टा एक सेक्‍टर में स्थित श्री पीपल महादेव मंदिर में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के पांचवे दिन कथा वाचक व्यास साध्वी प्रीति पाराशर ने भागवत कथा में पूतना उद्धार, नामकरण संस्कार,बाल लीला, गौचरण लीला, गोवर्धन पूजा का वर्णन किया गया।
बताया कि नामकरण संस्कार वह चरण है जिस पर किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को आधिकारिक तौर पर एक नाम दिया जाता है। इस प्रथा के तरीके संस्कृतियों और धर्मों के अनुसार अलग-अलग होते हैं। नाम रखने का समय जन्म के कुछ दिनों से लेकर कई महीनों या कई वर्षों तक भिन्न हो सकता है।

इंद्र ने मांगी क्षमा
कथा के दौरान उन्‍होंने गोवर्धन पूजा की कहानी बताई। बताया कि जब इंद्र देव ने क्रोध में आकर ब्रज में भारी वर्षा की, तो भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों और जानवरों की रक्षा के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर उन्हें बारिश से बचाया था। लगातार सात दिन तक पर्वत उठाए रखने के बाद, इंद्रदेव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने क्षमा मांगी। इसके बाद, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और सभी ब्रजवासियों को हर साल गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया। कथा में अनुज सिंघल, कंचन कुमार, प्रमोद भाटी, सीमा बंसल, अंजू पुंडीर, अतुल गर्ग, ओमप्रकाश, पूनम अग्रवाल, बबीता बंसल , सरोज तोमर, सरोज अरोड़ा, ममता सिंह, साधना , रश्मि अरोड़ा, अर्चना वशिष्ट आदि लोग उपस्थित थे।