-एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ कार्यक्रम
-उद्यमिता, स्टार्टअप, नवाचार में तेजी से उभरा देश
द न्यूज गली, नोएडा: एमिटी विश्वविद्यालय में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) द्वारा एआईयू की उत्कृष्टता के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कुलपतियों के सम्मेलन आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डाक्टर अशोक कुमार चौहान, उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा, सांसद डाक्टर महेश शर्मा और भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के अध्यक्ष डाक्टर विनय कुमार पाठक ने किया। सम्मेलन में 300 से अधिक कुलपति उपस्थित हुए और लगभग 200 कुलपतियों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया।
बदला शिक्षा का परिदृश्य
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुलपतियों और शिक्षाविदों के सामने खड़े होकर मैं एक छात्र की तरह महसूस कर रहा हूं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने वास्तव में हमारी शिक्षा के परिदृश्य को बदल दिया है। मैं पश्चिम बंगाल राज्य के राज्यपाल के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से जुड़ा था। इस नीति के विकास के लिए हजारों लोगों के हाथों में कुछ प्रमुख इनपुट को ध्यान में रखा गया था, जो हमारी सभ्यता की भावना, सार और लोकाचार के साथ प्रतिध्वनित होते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा एक महान समानता लाने वाला है और यह ऐसी समानता लाता है जैसा कोई अन्य तंत्र नहीं करता है, शिक्षा असमानताओं को खत्म करती है और लोकतंत्र को जीवन देती है।
प्रदेश सरकार को दी बधाई
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देता हूं जिन्होंने आईटी को उद्योग का दर्जा देकर एक बड़ी पहल की है, जिसका सकारात्मक विकास पर बहुत बड़ा असर पड़ा है। एक और पहलू जिसके लिए यूपी को तेजी से पहचान मिल रही है, वह है स्कूली शिक्षा के स्तर पर, प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही एक पहचान बन रही है। भारत अवसरों, उद्यमिता, स्टार्टअप, नवाचार और यूनिकॉर्न की भूमि के रूप में उभरा है। हर उस पैरामीटर पर जहां विकास और वृद्धि को मापा जा सकता है, हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि हमारे विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने के लिए नहीं हैं, बल्कि डिग्री का बहुत महत्व होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को विचारों और कल्पना के अभयारण्य, नवाचार के केंद्र होने चाहिए। उन्हें बड़े बदलाव को गति देनी होगी और यह जिम्मेदारी विशेष रूप से कुलपतियों और सामान्य रूप से शिक्षाविदों की है।
बढ़ा है बजट
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डाक्टर अशोक कुमार चौहान ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजित कुलपतियों के राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करने का सम्मान मिला है। सम्मेलन से सार्थक परिणाम सामने आएंगे जो भारत में उच्च शिक्षा के भविष्य को बदल देंगे।भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के अध्यक्ष डा0 विनय कुमार पाठक ने कहा कि 2014 के बाद से शिक्षा बजट दोगुना से भी अधिक हो गया है, जो 68,700 करोड़ से बढ़कर 1.48 लाख करोड़ के करीब हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में सामने आई है, जो बहु-विषयक शिक्षा, वैश्विक जुड़ाव और भारतीय ज्ञान प्रणाली में निहितता को बढ़ावा देती है।


