द न्यूज गली, नोएडा : निवेश कर हर महीने लाखों का मुनाफा कमाने का लालच देकर साइबर ठगों ने नोएडा प्राधिकरण के एक कर्मचारी से करीब सवा करोड़ रुपये हड़प लिए। पीड़ित पर जब और रकम लगाने का दबाव बढ़ने लगा, तब जाकर उसे ठगी का एहसास हुआ। शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाने में एक कथित युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

एक साल पहले हुआ संपर्क
ग्रेटर नोएडा निवासी कर्मचारी ब्रजपाल सिंह ने पुलिस को बताया कि करीब एक साल पहले उनके व्हाट्सऐप नंबर पर दिव्या शर्मा नाम की युवती का मैसेज आया। कई दिनों तक सामान्य बातचीत के बाद युवती ने खुद को कारोबारी बताया और दावा किया कि वह एक नामी कंपनी की मालकिन है, जिसका कार्यालय मुंबई के दादर में है। बातचीत बढ़ने पर दिव्या ने उन्हें ‘गोल्डन ब्रिज इन्वेस्टमेंट कंपनी’ में निवेश कर हर महीने भारी मुनाफा कमाने का झांसा दिया।

युवती के लगातार उकसाने पर ब्रजपाल ने 28 जनवरी 2025 को 40 हजार रुपये का पहला निवेश किया। कुछ समय बाद उन्हें आठ हजार रुपये मुनाफे सहित वापस मिल गए। इससे उन्हें विश्वास हो गया कि उनकी रकम सही जगह निवेश हो रही है। इसके बाद वे लालच में आकर एक फरवरी से 11 नवंबर 2025 के बीच कुल 1 करोड़ 24 लाख 44 हजार रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करते गए।

ऐप कराया डाउनलोड
इस दौरान युवती ने शिकायतकर्ता के फोन में एक ऐप भी डाउनलोड कराया, जिसमें मुनाफे की राशि बढ़ती हुई दिखाई जा रही थी। बाद में ब्रजपाल ने जब निवेश की गई रकम निकालने की बात कही, तो ठगों ने कुल राशि का 30 प्रतिशत ‘इनकम टैक्स’ व अन्य शुल्क जमा करने का दबाव बनाया। पीड़ित के इंकार करते ही युवती ने संपर्क तोड़ लिया।

व्हाट्सऐप ग्रुप भी निकला फर्जी
शिकायतकर्ता ने बताया कि दिव्या ने शुरुआत में उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा था। इसमें कई लोग पहले से मौजूद थे और एक ‘टीचर’ रोजाना निवेश का प्रशिक्षण दे रहा था। ग्रुप में सदस्य विभिन्न कंपनियों और आईपीओ में निवेश कर मुनाफा कमाने के स्क्रीनशॉट भी साझा करते थे। बाद में पता चला कि पूरा ग्रुप ठग गिरोह का हिस्सा था, जो उन्हें विश्वास में लेकर निवेश कराने का जाल बिछा रहा था।

एक साल तक रकम वापसी का इंतजार
ब्रजपाल को उम्मीद थी कि उनकी ठगी की रकम वापस मिल जाएगी। इसके लिए उन्होंने बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों से भी संपर्क किया। लेकिन करीब एक साल बीतने पर जब कोई समाधान नहीं निकला, तब जाकर उन्होंने पुलिस से शिकायत की।

एडिशनल डीसीपी साइबर शैल्या गोयल ने बताया कि जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, उनकी जांच की जा रही है। रकम को फ्रीज और होल्ड कराने के लिए संबंधित बैंकों से संपर्क किया गया है। पुलिस अब ठगों के नेटवर्क की पहचान में जुटी है।