द न्यूज गली, नोएडा : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे की सुरक्षा सुविधाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। इस 45 किलोमीटर लंबी सड़क को भारतीय रोड कांग्रेस (IRC) मानकों के अनुसार उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस किया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण की ओर से कंसल्टेंट कंपनी रीजनल सेंटर फॉर अर्बन एंड एनवायरनमेंटल स्टडीज (RCUES) द्वारा इस एक्सप्रेसवे का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की गई है। यह सर्वे 10 लाख वाहनों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जो इस मार्ग से रोजाना गुजरते है।

सर्वे और रिपोर्ट: अहम सुधारों की पहचान
कंपनी ने दो दिन तक एक्सप्रेसवे पर वाहनों के दबाव का अध्ययन किया और रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि एक्सप्रेसवे पर कई सुरक्षा सुविधाओं की कमी है, जिनमें सफेद पट्टी की चौड़ाई, बोलार्ड और रिफ्लेक्टर का अभाव, और साइन बोर्ड की कमी शामिल है। इन सुरक्षा सुविधाओं में सुधार लाकर एक्सप्रेसवे को और अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा।

सुरक्षा सुधारों के लिए तैयार किया जाएगा एस्टीमेट
सुरक्षा सुविधाओं के सुधार के लिए एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है, जिसका परीक्षण IIT दिल्ली में किया जाएगा। इसके बाद टेंडर जारी कर काम शुरू किया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण के CEO, डॉ. लोकेश एम ने इस एस्टीमेट को मंजूरी दे दी है और आने वाले छह महीने में सुधार कार्य पूरा कर लिया जाएगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक्सप्रेसवे पर हादसे इन सुरक्षा सुविधाओं की कमी के कारण हो रहे हैं।

सुरक्षा सुविधाओं की वृद्धि के बाद होगा सुधार
सुरक्षा सुविधाओं में सुधार के तहत 13 एफओबी स्ट्रक्चर, 19 पब्लिक टॉयलेट्स और यूरिनल्स, 21 साइन पोल्स और 8 आइएसटीएमएस (इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही, एक्सप्रेसवे पर किमी प्वाइंट्स भी लगाए जाएंगे। यह कदम हादसों की संख्या को कम करने और यात्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलकर होगा सुधार कार्य
सर्वे के दौरान यह भी देखा गया कि एक्सप्रेसवे का कुछ हिस्सा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधीन है। इसे भी सुरक्षा सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का सुरक्षा मानकों के तहत उन्नयन नोएडा और दिल्ली के बीच के महत्वपूर्ण कनेक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए किया जा रहा है।