द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : जेवर में तेजी से आकार ले रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) अब सिर्फ एक एयरपोर्ट परियोजना नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के विकास मानचित्र पर उभरता हुआ एक नया आर्थिक द्वार बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लगातार निगरानी और समयबद्ध निर्माण पर विशेष जोर ने इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को राष्ट्रीय ही नहीं, वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का केंद्र बना दिया है।
परियोजना प्रभावित परिवारों के हितों पर विशेष फोकस
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ राकेश कुमार सिंह के अनुसार, सरकार की स्पष्ट नीति है कि जिस जमीन ने इस सपने को आकार दिया है, उनके परिवारों को परियोजना से अधिकतम लाभ मिले। मुख्यमंत्री की इसी मंशा को आगे बढ़ाते हुए परियोजना प्रभावित परिवारों (PAF) के लिए कई विशेष कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
PPP मॉडल के तहत YIAPL और NIAL के नेतृत्व में टाटा प्रोजेक्ट्स, इंडियन ऑयल, बर्ड ग्रुप सहित 30 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों की भागीदारी इस परियोजना की मजबूती और विश्वसनीयता का प्रमाण है।
रोजगार और कौशल विकास के नए रास्ते
एयरपोर्ट के निर्माण और संचालन से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनमें न्यूनतम मजदूरी, पीएफ, ईएसआई और अन्य सरकारी लाभ सुनिश्चित किए गए हैं। ऑनलाइन करियर पोर्टल पर 180+ युवाओं का पंजीकरण हो चुका है। आयोजित तीन विशेष भर्ती शिविरों में 300 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया, जिनमें से 24 युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी हो चुके हैं।
कौशल विकास के मोर्चे पर ITI जेवर को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, जहां पैसेंजर हैंडलिंग और रैंप ऑपरेशंस जैसे व्यावहारिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
अब तक 28 प्रशिक्षुओं में से 24 को रोजगार सफलतापूर्वक मिला है। लगभग 100 युवाओं को इंग्लिश और सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण भी दिया गया है। इन सभी प्रयासों की निगरानी एक संयुक्त समिति—NIAL, जिला प्रशासन और YIAPL—द्वारा की जा रही है, ताकि लाभ पारदर्शी और समय पर मिल सके।
नेट-जीरो उत्सर्जन की दिशा में देश का अग्रणी एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देश के पहले प्रमुख नेट-जीरो उत्सर्जन वाले एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। स्विस टेक्नोलॉजी और भारतीय आतिथ्य का अनूठा संयोजन इसे वैश्विक स्तर की सुविधाओं से लैस करेगा। पहले चरण में करीब 1.2 करोड़ वार्षिक यात्रियों की क्षमता के साथ यह एयरपोर्ट पश्चिमी यूपी के लिए व्यापार, निवेश और रोजगार का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है।
विकास की नई दास्तान लिखने को तैयार जेवर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को “पश्चिमी यूपी के भविष्य की रीढ़” बताया है। एयरपोर्ट का निर्माण न केवल दिल्ली-एनसीआर की हवाई कनेक्टिविटी को नया आयाम देगा, बल्कि बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, हापुड़ और आसपास के जिलों की अर्थव्यवस्था के लिए भी नया मोड़ सिद्ध होगा।
