द न्यूज़ गली, नोएडा: लगातार खराब होती वायु गुणवत्ता को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक और बहुस्तरीय कार्ययोजना लागू कर दी है। योजना का मुख्य फोकस इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड मोबिलिटी को बढ़ावा देने, वाहन उत्सर्जन घटाने और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विस्तार देने पर है। प्राधिकरण ने साफ किया है कि वह पहले खुद उदाहरण पेश करेगा और अपने पूरे वाहन बेड़े को स्वच्छ विकल्पों में बदलेगा।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम. ने कहा कि प्राधिकरण के सभी सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा। इसके साथ ही शहर में दिनभर संचालित होने वाले सैनिटेशन वाहनों को सीएनजी और बीएस-6 मानकों वाले वाहनों में परिवर्तित किया जाएगा। इससे सड़कों पर चलने वाले भारी वाहनों से होने वाले टेलपाइप उत्सर्जन में बड़ी कमी आएगी।
आईटी कंपनियों और विश्वविद्यालयों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह
सीईओ ने बताया कि सुबह आईटी कंपनियों, एनएमसी और निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई है। ग्रैप-3 और ग्रैप-4 के प्रतिबंध हटने तक आईटी कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों को वर्क फ्रॉम होम लागू करने की सलाह दी गई है। इसका उद्देश्य पीक आवर्स में आईटी पार्कों और शिक्षण संस्थानों की ओर जाने वाले वाहनों की संख्या घटाना है।
शैक्षणिक संस्थानों को हाइब्रिड या पूरी तरह ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों और विश्वविद्यालय परिसरों में बड़े आयोजनों को एक से दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। छात्रों से निजी दोपहिया वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील की गई है।
खुले तंदूर और फूड पार्कों पर रोक
प्रदूषण स्तर सामान्य होने तक खुले तंदूर, खुले फूड पार्क और चिमनियों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है। प्राधिकरण का कहना है कि सभी कदम स्रोत स्तर पर प्रदूषण कम करने और अनावश्यक वाहन आवाजाही रोकने के उद्देश्य से उठाए गए हैं। योजना की नियमित समीक्षा होगी और जरूरत पड़ने पर और कड़े कदम भी लागू किए जाएंगे।
तीन माह में लगेंगे 81 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन
ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर डॉ. लोकेश एम. ने बताया कि पहले चरण में तीन महीनों के भीतर शहर में 81 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इससे पहले ईएसएसएल के माध्यम से लगाए गए 69 चार्जिंग स्टेशनों की समीक्षा में उनका कवरेज और प्रदर्शन अपर्याप्त पाया गया था। नए सर्वे में शहरभर में 150 संभावित स्थान चिह्नित किए गए हैं, जिनके लिए जल्द ही ईओआई जारी की जाएगी।
मार्च 2026 तक बनेंगे बैटरी स्वैपिंग स्टेशन
महाप्रबंधक एस.पी. सिंह ने बताया कि मार्च 2026 तक नोएडा में 13 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक स्टेशन पर दो स्वैपिंग प्वाइंट होंगे और कुल 44 बैटरियां उपलब्ध रहेंगी। इससे खासकर इलेक्ट्रिक दोपहिया और व्यावसायिक वाहनों के लिए चार्जिंग समय कम होगा और परिचालन क्षमता बढ़ेगी।
जनसेट पर भी सख्ती
एडीएम वित्त अतुल कुमार ने बताया कि जनरेटर सेटों को सात दिनों के भीतर 70 प्रतिशत गैस और 30 प्रतिशत डीजल मिश्रण पर चलाने के निर्देश दिए गए हैं। अधिक प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की पहचान कर सघन जांच की जाएगी। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला प्रशासन के साथ मिलकर निगरानी करेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करुणेश, वंदना त्रिपाठी, ओएसडी महेंद्र प्रसाद, महाप्रबंधक सिविल ए.के. अरोड़ा, परियोजना अभियंता आर.के. शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
