-विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा चिकित्सा को व्यवसाय नहीं जनसेवा का माध्यम बनाएं
-जिम्स आने वाले मरीजों की संख्या में हो रहा इजाफा
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में 10वां स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में जिम्स प्रबंधन के साथ ही बड़ी संख्या में एमबीबीएस के छात्र भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक धीरेंद्र सिंह थे। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों से जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने सीधा संवाद करते हुए कहा कि आप चिकित्सा को व्यवसाय नहीं वरन् जनसेवा का माध्यम बनाएं। धीरेंद्र सिंह ने चिकित्सा की वर्तमान चुनौतियों और उनके समाधान पर भी छात्र-छात्राओं से खुलकर चर्चा की। कहा कि चिकित्सा एक कला और सेवा करने का माध्यम है। इसे हमें धन कमाने का साधन नहीं बनना चाहिए। इस चिकित्सा पद्धति को मात्र व्यावसायिक दृष्टिकोण से न देखा जाए, बल्कि इसे जानता की सेवा के रूप में अपनाएं।
धरती के भगवान हैं डाक्टर
धीरेन्द्र सिंह ने सन 1946 में डाक्टर कोटनीस के ऊपर बनी फिल्म का भी उल्लेख करते हुए कहा कि यह फ़िल्म एक वास्तविक जीवन के डाक्टर द्वारकानाथ कोटनीस के जीवन पर आधारित है, जो द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के दौरान चीन में काम करने वाले एक भारतीय डॉक्टर थे और उन्होंने अपने मरीजों का इलाज करते हुए अपनी जान दे दी थी। इसलिए मुझे नजर आया कि ऊपर तो ईश्वर है और लोग नीचे डॉक्टर को भी इसी नजरिए से देखते हैं। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में इस अस्पताल में मरीजों की संख्या में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही ऑपरेशन की संख्या में भी इजाफा हुआ है। मेरा दिल और दिमाग़ हमेशा मरीजों की सेवा में लगा रहता है। वर्तमान में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में तकरीबन 400 डॉक्टर्स काम कर रहे हैं। इस अस्पताल में लगभग 650 बेड मौजूद हैं। रोजाना तकरीबन 1000 से भी अधिक मरीज की जांच इत्यादि होती है। सीटी स्कैन, एमआरआई, विशिष्ट लैब तथा डायलिसिस की जांच बहुत कम पैसों में की जाती है।

