-जेल में बंद रहने के दौरान मदद न करने का लगाया आरोप
-महा पंचायत में नहीं पहुंचे तीनों किसान दल के नेता व सदस्‍य

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: संयुक्‍त किसान मोर्चा में एकता का दावा मात्र एक माह में ही हवा हो गया। संयुक्‍त किसान मोर्चा के 11 संगठन में तीन प्रमुख संगठन ने अपने आप को आंदोलन से अलग कर लिया है। सोमवार को हुई महापंचायत में तीनों संगठन के नेता व कार्यकर्ता नजर नहीं आए। जिसका असर महापंचायत में जुटी भीड़ में भी देखने को मिला। तीनों संगठन के अलग होने के पीछे आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर चल रहा है। कुछ लोग उन्‍हें मनाने के प्रयास में भी लगे हुए हैं। एक प्रश्‍न के जवाब में भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने बिना किसी का नाम लिए कहा जिनके विचार हमसे नहीं मिल रहे हैं वह अलग हो गए हैं।

मदद न करने का आरोप
सोमवार को हुई महापंचायत में किसान सभा, किसान एकता संघ व किसान परिषद के नेता व कार्यकर्ता नहीं पहुंचे। किसान सभा के रूपेश वर्मा अभी जेल में ही बंद हैं लेकिन उनके संगठन के लोग नहीं पहुंचे। सोरन प्रधान व सुखवीर खलीफा जेल से बाहर आ चुके हैं लेकिन वह भी अपने साथियों के साथ महापंचायत में नहीं पहुंचे। तीनों संगठन के न आने पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। किसान नेताओं ने बताया कि अलग हुए तीनों संगठन के नेताओं के द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि जेल में बंद रहने के दौरान उन्‍हें छुड़ाने के लिए अन्‍य संगठन ने उन्‍हें छुड़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। साथ ही आरोप लग रहा है कि कुछ किसान संगठन के नेता अधिकारियों से मिल गए। एक किसान नेता का कहना है कि सोरन प्रधान व सुखवीर खलीफा से बात हुई थी, उन्‍होंने रूपेश वर्मा के जेल से आने के बाद आगे का निर्णय लेने की बात कही है।