द न्यूज गली, नोएडा : घर खरीदने का सपना देखने वाले हजारों लोगों के लिए राहत की खबर आई है। जेपी इंफ्राटेक की सात लंबित परियोजनाओं को यूपी रेरा से फिर से मंजूरी मिल गई है। इसमें 10,082 घर खरीदारों को लाभ मिलेगा, जो वर्षों से अपना घर का इंतजार कर रहे थे। रेरा से स्वीकृति मिलने के बाद अब ये प्रोजेक्ट फिर से रेरा के पोर्टल पर पंजीकृत हो गए है, जिससे घर खरीदारों के लिए होम लोन प्रैप्त करना और अन्य वित्तीय प्रक्रियाएं आसान हो जाएंगी।

दिसंबर 2025 से शुरू होगी घरों की डिलीवरी
जेपी इंफ्राटेक की इन सात परियोजनाओं के तहत विभिन्न साइज़ के फ्लैट्स शामिल है। समाधान योजना के तहत दिसंबर 2025 से इनकी डिलीवरी फेजवाइज शुरू होगी। घर खरीदारों को अब उनके सपनों का आशियाना मिलने की उम्मीद है। जिन सात परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है, वे हैं: जेपी ग्रीन्स क्लासिक डी, जेपी ग्रीन्स कॉसमॉस ए (फेज-2), जेपी ग्रीन्स कॉसमॉस-सी, जेपी ग्रीन्स कैसिंग्टन बुलेवार्ड अपार्टमेंट्स, जेपी ग्रीन्स कासा आइस्ल्स, जेपी ग्रीन्स क्रेसेंट होम्स और पैबल कोर्ट परियोजना। घर खरीदारों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि अब वे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से होम लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे।

2017 में शुरू हुई थी दिवालिया प्रक्रिया
जेपी इंफ्राटेक की यह कहानी साल 2017 में शुरू हुई, जब आईडीबीआई बैंक की अगुवाई में कंसोर्टियम ने दिवालिया प्रक्रिया शुरू की। इसके तहत जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड को दिवालिया घोषित किया गया था। कई सालों तक समाधान का इंतजार करने के बाद 7 मार्च 2023 को मुंबई स्थित सुरक्षा ग्रुप की बोली को एनसीएलटी से स्वीकृति मिली। इसके बाद मई 2024 में एनसीएलएटी ने भी इस समाधान को मंजूरी दी और आखिरकार सुरक्षा ग्रुप ने कंपनी की कमान संभाल ली। इसके बावजूद, रेरा पंजीकरण न होने के कारण घर खरीदारों को लोन मिलने में दिक्कतें आ रही थी, जो अब दूर हो गई है।

रेरा का यह फैसला खरीदारों के हित में
यूपी रेरा ने घर खरीदारों को राहत देते हुए इन सात परियोजनाओं के पंजीकरण की अवधि बढ़ा दी है। जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जश पंचमिया ने कहा कि रेरा से स्वीकृति मिलने के बाद अब घर खरीदार आसानी से होम लोन ट्रांसफर और अन्य वित्तीय कार्यों को पूरा कर पाएंगे। जिल रियल एस्टेट अलॉटीज वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष आशीष मोहन गुप्ता ने यूपी रेरा के इस फैसले की सराहना की और कहा कि यूपी रेरा के पास धारा 8 के तहत कार्रवाई का भी विकल्प था, लेकिन उन्होंने घर खरीदारों के हित में यह निर्णय लिया। जेपी इंफ्राटेक की परियोजनाओं को रेरा से मंजूरी मिलने के बाद हजारों लोगों की उम्मीदें फिर से जाग गई है। अब वे अपने लंबे समय से रुके हुए घरों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ सकते है।