-डेल्‍टा दो सेक्‍टर के अस्‍पताल में लंबे समय से चल रहा था फर्जीवाड़ा
-पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार को लगा चुके हैं करोड़ों का चूना


द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: डेल्‍टा दो सेक्‍टर में स्थित शर्मा मेडिकेयर का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा धरती के भगवान कहे जाने वाले डाक्‍टरों व अस्‍पताल प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा था। अस्‍पताल प्रबंधन यह फर्जीवाड़ा मरीजों के साथ ही सरकार से भी किया जा रहा था। डाक्‍टरों के द्वारा स्‍वस्‍थ्‍य मरीजों को बीमार बता अस्‍पताल में भर्ती कर लाखों रुपये का फर्जी बिल तैयार किया जाता था। इन फर्जी बिलों का भुगतान सरकार से लिया जाता था। अस्‍पताल प्रबंधन के द्वारा सरकार को अब तक करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा चुका है। जांच के बाद अस्‍पताल का यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में दिल्‍ली-एनसीआर के 19 अस्‍पतालों को सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्‍थ स्‍क्रीम (सीजीएचएस) से सस्‍पेंशन का लेटर जारी कर दिया गया है।

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
अस्‍पताल में फर्जीवाड़े का खेल पिछले कई साल से चल रहा था। कई साल से यह अस्‍पताल सीजीएचएस के पैनल पर था। नियम के तहत जिन मरीजो के पास सीजीएचएस का कार्ड होता है अस्‍पताल में उनके उपचार का खर्च सरकार वहन करती है। अस्‍पताल प्रबंधन डाक्‍टरों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहा था। सीजीएचएस कार्ड वाले मरीजों की सामान्‍य बीमारी को भी गंभीर बता अस्‍पताल में भर्ती किय जाता था। कई दिन तक उन्‍हें भर्ती रखकर उपचार किया जाता था। उपचार का लाखों रुपये का बिल बना सरकार से भुगतान लिया जाता था। मरीजों का पैसा भले ही न लगता हो लेकिन वह और उनके परिजन मानसिक तनाव में आते थे। मामले में अस्‍पताल में पीआर का कार्य देख रहे प्रमोद शर्मा का कहना है कि सीजीएचएस ने गलत आरोप लगाकर सस्‍पेंशन का लेटर जारी किया है। मामले में अस्‍पताल प्रबंधन ने सीजीएचएस के सामने अपना पक्ष रख दिया है।

भगवान ने तोड़ा विश्‍वास
डाक्‍टरों को धरती के भगवान की संज्ञा दी गई है। अस्‍पताल में जब एक मरीज डाक्‍टर के पास जाता है तो उस पर पूरा विश्‍वास करता है। यहां पर काम करने वाले डाक्‍टरों व अन्‍य की अस्‍पताल प्रबंधन के साथ मिलीभगत थी। जैसे ही उन्‍हें यह पता चल जाता था कि मरीज के पास सीजीएचएस का कार्ड है उनकी सामान्‍य बीमारी को गंभीर बता अस्‍पताल में भर्ती कर दिया जाता था। सीजीएचएस के द्वारा की गई जांच में अस्‍पताल प्रबंधन के फर्जीवाड़े के सारे तथ्‍य सामने आ गए हैं। सीजीएचएस ने शर्मा मेडिकेयर अस्‍पताल को अपने पैनल से निकालने का जो नोटिस जारी किया है उसमें लिखा है कि सीजीएचएस कार्ड धारकों को कई-कई बार अस्‍पताल में भर्ती किया जाता था। अस्‍पताल में धोखाधड़ी होती थी और फर्जी बिल बनाए जाते थे।