द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में स्थित दोनों एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) मशीनों को अब मुख्य सड़क से 150 मीटर अंदर शिफ्ट किया जाएगा। यह कदम प्रदूषण स्तर के सटीक माप के लिए उठाया जा रहा है, क्योंकि सड़क के पास इन मशीनों के लगने से वाहनों से उड़ने वाली धूल और धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर अधिक दर्ज हो रहा था।

दो प्रमुख स्थानों पर स्थापित है एक्यूआइ मशीनें
ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क-तीन स्थित शारदा विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर एक एक्यूआइ मशीन लगाई गई है, वहीं दूसरी मशीन नालेज पार्क पांच में बालक इंटर कॉलेज के गोलचक्कर के पास स्थापित है। इन दोनों स्थानों पर प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है, और मुख्य सड़क के पास होने के कारण यहां के आंकड़े अक्सर ज्यादा दर्ज हो जाते हैं।

शिफ्टिंग की अनुमति मिल चुकी है
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन मशीनों को शिफ्ट करने के लिए लखनऊ स्थित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से अनुमति प्राप्त कर ली है। यह अनुमति शिफ्टिंग प्रक्रिया को औपचारिक रूप से मंजूरी देती है। इस प्रक्रिया में इन मशीनों को सड़क से कम से कम 150 मीटर की दूरी पर ले जाया जाएगा, ताकि वायुमंडलीय परिस्थितियां अधिक सटीक रूप से मापी जा सकें।

प्रदूषण स्तर को मापने में मिलेगी अधिक सटीकता
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डीके गुप्ता ने बताया कि यह कदम प्रदूषण स्तर के सही आंकड़े प्राप्त करने के लिए उठाया गया है। सड़क के पास स्थित मशीनों में वाहन प्रदूषण और धूल के कारण आंकड़े असंवेदनशील हो सकते है। इस बदलाव से अब प्रदूषण के आंकड़े ज्यादा विश्वसनीय होंगे, जो शहर के प्रदूषण पर नज़र रखने के लिए जरूरी हैं।

10 वर्षों से लंबित थी शिफ्टिंग प्रक्रिया
मशीनों को शिफ्ट करने की योजना कई वर्षों से चल रही थी। शुरुआत में जिन स्थानों पर मशीनें लगाई गई थी, वहां न तो यातायात था और न ही कोई निर्माण कार्य हुआ था। लेकिन समय के साथ इन स्थानों पर बढ़ते यातायात और निर्माण कार्य ने प्रदूषण के आंकड़ों को प्रभावित किया है।