• राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश वीरेंद्र प्रताप सिंह ने दिया आदेश
  • मांगी गई सूचना 30 दिनों के भीतर देना अनिवार्य

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: आरटीआई के तहत सूचना देने में विभागीय अधिकारियों के द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई है। डीएम कार्यालय में हुई बैठक में उन्‍होंने सभी विभागों के सूचना अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों के द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना देने में कोई भी लापरवाही न बरती जाए। हर व्‍यक्‍त‍ि को निर्धारित समय सीमा 30 दिन के अंदर सूचना दी जाए। जो भी अधिकारी इसमें लापरवाही करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दिसंबर तक करें सभी प्रकरण का निस्‍तारण
राज्य सूचना आयुक्त ने पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, राज्य कर विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, आबकारी विभाग, लघु सिंचाई विभाग, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण, नगर पालिका, नगर पंचायतों तथा अन्य संबंधित विभागों में सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लंबित चल रहे प्रकरणों की समीक्षा की। कहा कि सभी अधिकारी प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए दिसंबर माह तक सभी प्रकरणों का निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि जन सूचना अधिकारी गण किसी भी आरटीआई आवेदन को तय समय सीमा से अधिक लंबित में रखें। कहा कि सभी विभागों के जन सूचना अधिकारी समय-समय पर आरटीआई पोर्टल समीक्षा करते रहें एवं प्राप्त आवेदनों का सूचना का अधिकार अधिनियम की धाराओं को ध्यान में रखते हुए संतोषजनक जवाब आवेदक को दिया जाए। आरटीआई विशेषज्ञ शैलेंद्र चौहान द्वारा बैठक में उपस्थित सभी जन सूचना अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराया गया और बताया कि किस प्रकार आरटीआई के तहत प्राप्त आवेदनों का निस्तारण करना चाहिए। डीएम मनीष कुमार ने वर्मा ने कहा कि विभागों के जन सूचना अधिकारियों के माध्यम से पालन सुनिश्चित कराते हुए लंबित प्रकरणों को दिसंबर तक निस्तारित करा दिया जाएगा।