-यमुना प्राधिकरण के सुपरवाइजरों को मात्र 11400 मिल रहा वेतन
-सिर्फ आश्‍वासन देने तक सीमित हैं नेता व अधिकारी

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: लोगों की आय में लगातर बढ़ोत्‍तरी के तमाम दावे यमुना प्राधिकरण में आकर धराशायी हो जाते हैं। आप को जानकर आश्‍चर्य होगा कि यमुना विकास प्राधिकरण में 2016 से सुपरवाइजरों की सैलरी में इजाफा नहीं किया गया है। 350 से अधिक सुपरवाइजरों के द्वारा की जा रही मांग का कोई हल नहीं निकला है। ऐसे में अब सुपरवाइजर हड़ताल कर आंदोलन की राह पर चलने की तैयारी में जुट गए हैं। मांग पूरी न होने पर उन्‍होंने आंदोलन की चेतावनी प्राधिकरण अधिकारियों को दे दी है।

आश्‍वासन ही दे पाए विधायक
सुपरवाइजर प्राधिकरण की अहम कड़ी हैं। हर जगह नजर रखने के साथ ही प्राधिकरण अधिकारियों को तत्‍काल सूचना भी पहुंचाई जाती है। प्राधिकरण में कार्यरत 350 से अधिक सुपरवाइजर मात्र 11400 रुपये प्रतिमाह की सैलरी पर नौकरी कर रहे हैं। मंहगाई के दौर में इतने कम पैसे में उनके सामने घर चलाने का संकट खड़ा हो गया है। सुपरवाइजरों का कहना है कि इस संबंध में कई बार यमुना प्राधिकरण के सीईओ से वार्ता कर चुके हैं लेकिन हल नहीं निकला। उनका कहना है मामले में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से भी बड़ी उम्‍मीद के साथ मुलाकात की गई थी। वह भी सिर्फ आश्‍वासन देने तक ही सीमित रह गए।

सैलरी में तीन गुना का है अंतर
सुपरवाइजरों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में जो सुपरवाइजर काम कर हैं उनकी सैलरी 31000 हजार रुपये हैं। काम बराबर होने के बाद भी उनकी और हमारी सैलरी में लगभग तीन गुना का अंतर है। उनका कहना है नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण में कार्यरत सुपरवाइजर एकजुट होकर आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। जल्‍द ही इस संबंध में अधिकारियों को अवगत करा दिया जाएगा।