द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: आईईसी कॉलेज में एम्स, दिल्ली तथा लक्ष्मी नारायण मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट, नोएडा के सौजान्य से अंगदान जागरुकता सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के शुभारंभ अवसर पर एम्स दिल्ली की राष्ट्रीय नेत्र बैंक की संयोजिका अधिकारी कमलेश सैनी ने कहा कि देश के अनेकों व्यक्ति बिना आंखों के जिंदगी गुजार रहे हैं। अगर उनको कोई भी व्यक्ति मरणोंपरांत अपनी आँखे दान कर दे तो करोडों लोग आपकी आँखो से इस खूबसूरत संसार को देख सकते हैं। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को नेत्रदान कर समाज के उत्थान के लिये कार्य करना चाहिये। एक व्यक्ति के नेत्रदान से तीन लोगो को आँखो को रोशन किया जा सकता है।

जागरुकता फैलाने की आवश्‍यकता
एम्स के मेडिकल समाज सेवा तथा अंगदान प्रत्यारोपण अधिकारी बलराम ने लोगो को मरणोपंरात शरीर के विभिन्न अंग जैसे कीडनी, लीवर, हृद्य, त्वचा, हड्डी आदि के दान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होने बताया की समाज का एक बडा वर्ग विभिन्न अंगो की बीमारियों से ग्रसित है जबकि अंगदान की जानकारी के अभाव में तथा समाज में फैली विभिन्न भ्रांतियो के कारण लोग मरणोपरांत अंगदान करने में संकोच करते हैं। जिसके लिए युवा पीढी को समाज में अंगदान के बारे में जागरुकता फैलानी चाहिए। अंग दान के प्रत्यारोपण की कमी का अहसास उस व्यक्ति से पूछना चाहिये जिसके परिवार का कोई सदस्य अंग दाता के अभाव में काल का ग्रास बन गया हो। प्रत्येक व्यक्ति को अंगदान का संकल्प लेना चाहिये। इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी प्रोफेसर शरद माहेश्वरी ने बताया कि शरीर के आंतरिक अंगो का कोई अन्य विकल्प नहीं है इसलिये संस्थान ही नहीं देश के प्रत्येक व्यक्ति को अंगदान के द्वारा होने वाले फायदों को समझना चाहिए।