-पर्यावरणविद् प्रदीप डाहलिया ने की काम बंद कराने की मांग
-कहा पाथवे से पर्यावरण को होगा नुकसान

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal – NGT) ने आदेश दिया है कि ग्रीन बेल्‍ट में किसी भी प्रकार का निर्माण न किया जाए, आदेश के बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा खैरपुर गोलचक्‍कर की ग्रीन बेल्‍ट में अवैध रूप से कंक्रीट के पाथवे का निर्माण किया जा रहा है। प्रदीप का कहना है कि ग्रीन बेल्ट का मूल उद्देश्य पर्यावरण संतुलन बनाए रखना, वायु प्रदूषण को कम करना, भू-जल रिचार्ज को बढ़ावा देना और शहरी क्षेत्रों में हरित आवरण को सुरक्षित रखना है। ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में कंक्रीट का स्थायी निर्माण से पर्यावरण को क्षति पहुँचने के साथ ही न्यायालयों द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों की अवहेलना भी है। इस पर तत्‍काल रोक लगाई जानी चाहिए।

पर्यावरण को नुकसान
एनजीटी ने अपने अनेक आदेशों में स्पष्ट किया है कि ग्रीन बेल्ट/ग्रीन एरिया में किसी भी प्रकार का पक्का निर्माण, कंक्रीटीकरण या प्राकृतिक भूमि की संरचना को नष्ट करने वाली गतिविधि प्रतिबंधित है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 3 के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारों को यह दायित्व दिया गया है कि पर्यावरण की रक्षा करें और ऐसे किसी भी कार्य को रोकें जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुँचे। खैरपुर गोल चक्कर के पास ग्रीन बेल्ट में कंक्रीट पाथवे का निर्माण प्राकृतिक मिट्टी को सील (Soil Sealing) कर देता है, जिससे वर्षा जल का भू-जल में समावेशन रुक जाता है। इससे जलभराव, शहरी बाढ़ और भू-जल स्तर में गिरावट जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा, ग्रीन बेल्ट में मौजूद पेड़-पौधों की जड़ों को नुकसान पहुँचता है, जैव विविधता प्रभावित होती है और क्षेत्र का तापमान बढ़ने लगता है, जिसे शहरी ऊष्मा द्वीप (Urban Heat Island) प्रभाव कहा जाता है।