-एक एसटीपी के लिए प्राधिकरण जारी कर चुका है टेंडर
-अगले वर्ष दोनों एसटीपी बनकर हो जाएगा तैयार

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: सीवर के पानी को शोधित कर दोबारा प्रयोग में लाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो एसटीपी बनाने का निर्णय लिया है। एक एसटीपी 12 एमएलडी व दूसरा 45 एमएलडी क्षमता का होगा। एक के लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है जबकि दूसरे के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी है। दोनों एसटीपी लगभग 125 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि दोनों एसटीपी का निर्माण अगले वर्ष तक पूरा होने की उम्‍मीद है।

मुर्सदपुर गांव के पास बनेगा एसटीपी
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने एक और एसटीपी 12 एमएलडी को मंजूरी दे दी है। प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि यह एसटीपी सेक्टर आईटी सिटी (ग्राम मुर्सदपुर के पास) में बनाया जाएगा। इस एसटीपी से घरबरा, आईटी सिटी, मुर्सदपुर और आसपास के एरिया के सीवर को शोधित किया जा सकेगा। एसीईओ ने बताया कि आईआईटी दिल्ली से परीक्षण के बाद सीईओ एनजी रवि कुमार ने भी सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। इसका एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। इस पर 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का आकलन है। इसके एस्टीमेट पर अप्रूवल लेकर टेंडर निकाला जाएगा। तीन से चार माह में काम शुरू होने की उम्मीद है। इससे पहले इससे पहले प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर एक में 45 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाने जा रहा है। इस पर करीब 80 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। नए साल से इसका कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

बनाए जा चुके हैं चार एसटीपी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से अब तक चार एसटीपी बनाए गए हैं। सबसे बड़ा एसटीपी कासना में 137 एमएलडी का है। दूसरा ईकोटेक तीन में 20 एमएलडी क्षमता का एसटीपी स्थित है। तीसरा एसटीपी इकोटेक दो में 15 एमएलडी का है और दो एमएलडी सीवर शोधित करने की क्षमता का एक एसटीपी बादलपुर में स्थित है। इन एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई व निर्माण आदि कार्यों के लिए किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर प्राधिकरण सभी मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दे रहा है। एसटीपी का निर्माण भी उसी दिशा में एक कदम है। जल को प्रदूषित होने से बचाने के साथ ही ग्रेटर नोएडा की स्वच्छता के लिए भी एसटीपी बहुत जरूरी है।