द न्यूज गली, नोएडा : सेक्टर 58 कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सेक्टर-61 में रियल स्टेट कारोबारी की पत्नी को घर में बंधकर बनाकर लूट करने वाले गैंग का खुलासा हुआ है। गिरोह के चार बदमाश गिरफ्तार किए गए है। इसके अलावा लूटे गये 10 लाख 70 हजार रूपये बरामद हुए है। बिहार के गैंग ने फिल्म बावर्ची देखकर घटना को अंजाम दिया था। कोर्ट में पेश करने के बाद चारों को जेल भेज दिया गया है।

फिल्म से आया आईडिया
एक पुरानी फिल्म बावर्ची से आइडिया लेकर बिहार के बदमाशों का गैंग कई हफ्तों से लूट करने की साजिश रची। नोएडा के सेक्टर-61 में 22 फरवरी को नोएडा में रियल एस्टेट कारोबारी के घर पर पत्नी को बंधक बनाकर लूटपाट की घटना को अंजाम हुए 60 लाख रुपये कैश, ज्वेलरी और प्रॉपर्टी दस्तावेज लेकर टोयोटा फॉर्चयूनर कार लेकर घर से भाग निकले। इस वारदात की गुत्थी को सुल्झाते हुए कोतवाली 58 पुलिस ने बिहार के गैंग के 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली काईम ब्रांच ने इस गैंग दो सदस्यो पहले ही को गिरफ्तार कर चुकी है, इन बदमाशों के कब्जे से लूटे गये 10 लाख 70 हजार रूपये बरामद हो चुके है।

कुक है मास्टरमाइंड
पुलिस ने रमन कामत को बिहार के मधुबनी और अमित कुमार रावत, देवेन्द्र कुमार उर्फ राहुल, गुडडू कुमार कामत को सैक्टर-62, नोएडा से गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी बिहार के रहने वाले है। डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि ये पूरा का पूरा गैंग बिहार का है। इसमें एक रमन कामत बिहार से पकड़ा गया है, उसे ट्रांजिट डिमांड में लाया गया है और अभी हम इन लोगों को कस्टडी पुलिस रिमांड मिलेंगे और जो बाकी का ज्वेलरी है और पैसा है उसे बरामद करेंगे। डीसीपी ने बताया कि इस गैंग के बदमाश पूरे तरह से ह्यूमन साइकोलॉजी को समझते थे। जो लोग बड़े हैं। उनकी नौकरों पर डिपेंडेंसी बहुत ज्यादा है। नौकरों को रखने के लिए ये अपना नंबर जैसे गार्ड, एजेंसी को दे देते है। अपने जानने वालों के माध्यम से बता देते है कि हमें नौकर की जरूरत है। हर कोई चाहता है कि मुझे ठीक सा नौकर मिल जाए। इसी का फायदा इस गैंग ने उठाया फेक आई कार्ड और आधार कार्ड देकर एक सदस्य कुक बन गया हैं और फिर इस घर में कितना माल इसका आंकलन कर अपने साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया।

बिहार के मधुबनी में बनी थी योजना
डीसीपी ने बताया कि अबतक की पूछ्ताछ में बदमाशों ने बताया कि हम लोग सामूहिक रूप से योजना बनाकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। इस घटना की योजना हमारे द्वारा 5 माह पूर्व बिहार मधुबनी में बनायी गयी थी। योजना के लिए सबसे पहले मोबाईल सिम किसी अन्य के नाम इंक्टिवेट सिम खरीदे गये।