द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : हाथरस में यमुना प्राधिकरण (यीडा) के अधिकारियों की मिलीभगत से हुए जमीन घोटाले में पुलिस ने हिमालय इंफ्रा टेक कंपनी के निदेशक विवेक जैन को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पांच और आरोपियों को चिह्नित किया है। एसीपी प्रथम प्रवीण सिंह ने बताया कि विवेक जैन से पूछताछ के दौरान इन आरोपियों की पहचान हुई है और उनकी जल्द गिरफ्तारी की संभावना है।
कैसे हुआ 23.92 करोड़ रुपये का नुकसान
पुलिस का कहना है कि यीडा ने वर्ष 2011-12 में 42 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की थी। जिसके बदले किसानों को 7% विकसित भूखंड देना था। इसके लिए 5 हेक्टेयर जमीन की जरूरत थी। लेकिन 2014 में अधिकारियों ने मिलीभगत कर मिधावली गांव में 14.4896 हेक्टेयर जमीन खरीद ली। यह जमीन मास्टर प्लान से बाहर थी। इस पर 16.15 करोड़ रुपये खर्च किए गए और 7.77 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में दिए गए। इस तरह कुल 23.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
जानबूझकर किया गया घोटाला
जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह घोटाला गिरोह बनाकर किया गया। आरोपियों ने पहले किसानों से सस्ते दाम पर जमीन खरीदी और तुरंत उसे यीडा को महंगे दाम पर बेच दिया। खास बात यह है कि इन जमीनों पर अब तक प्राधिकरण का कब्जा नहीं हुआ और न ही वहां कोई योजना बन पाई है।
पुलिस की कार्रवाई
बीटा-2 कोतवाली में दर्ज शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू हुई। हिमालय इंफ्रा टेक के निदेशक विवेक जैन और तत्कालीन ओएसडी के रिश्तेदार संजीव की भूमिका घोटाले में पाई गई। पुलिस ने विवेक जैन को हाल ही में गिरफ्तार किया, जिससे घोटाले से जुड़े अन्य लोगों की पहचान में मदद मिली।
तत्कालीन सीईओ समेत 29 आरोपी
इस घोटाले में यमुना विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता समेत 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज है। मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट ने विवेक जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है। पुलिस अब तक 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। एसीपी प्रवीण सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पांच और लोगों के खिलाफ सबूत मिले हैं। इनकी पहचान हो चुकी है और उनकी गिरफ्तारी जल्द ही होगी।