-जब भी कोई बंदी जेल जाता है तो उसे पहले 10 दिनों के लिए क्वारंटीन बैरक में रखा जाता है
-गौतमबुद्धनगर के साथ ही यह व्यवस्था पूरे प्रदेश के जेलों में लागू होगी
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश में जेल में बंद बंदियों को आवंटित होने वाले बैरक के दौरान लगे भ्रष्टाचार व भेदभाव के आरोप शासन स्तर से नई तरकीब निकाली गई है। इसके तहत अब बंदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के अनुरूप बैरक का आवंटन होगा। इससे भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्ति मिलेगी और बंदियों को उनको परिजन से मुलाकात में सहूलियत भी होगी। यह सुविधा गौतमबुद्धनगर जिला जेल के साथ पूरे प्रदेश में लागू होगी।
दस दिन क्वारंटीन बैरक में रखा जाता है
बता दें कि जब भी कोई बंदी जेल जाता है तो उसे पहले 10 दिनों के लिए क्वारंटीन बैरक में रखा जाता है। इसके बाद उसे दूसरी बैरक में रखे जाने की व्यवस्था होती है। बैरक परिवर्तन के समय बंदियों की भ्रष्टाचार व भेदभाव की शिकायतों को देखते हुए प्रदेश कारागार प्रशासन ने अब बैरकों को संख्या के स्थान पर अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों के अनुरूप विभाजित करने का निर्णय किया है। इससे हर तरह का विवाद समाप्त हो जाएगा।
जेल अधीक्षक के पास होगा विशेष अधिकार
यह व्यवस्था लागू किए जाने का निर्देश देने के साथ ही सुरक्षा कारणों से जेल अधिकारियों को विशेष अधिकार भी दिए हैं। जेल में बंदियों के बीच गुटबाजी, आपसी टकराव व षड्यंत्र की आशंका तथा जेल प्रशासन विरोधी गतिविधियों में लिप्त बंदियों को अलग बैरकों में रखने का निर्णय जेल अधीक्षक के स्तर पर लिया जाएगा। जेल के सुरक्षा प्रबंधों को देखते हुए अधीक्षक ऐसे बंदियों के बारे में निर्णय करेंगे। जिससे कि किसी भी तरीके के विवाद से बचा जा सके।
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