– आरोपी सिपाही ने दिल्ली में एसीपी के खिलाफ दर्ज करा दिया था मुकदमा
– वर्ष 2005 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था प्रवीण
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: कारोबारी अंकुश शर्मा की हत्या करने वाला प्रवीण दिल्ली पुलिस का भगौड़ा सिपाही है। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने व्यापारी के मोबाइल पर अंतिम बार गूगल पर काठमांडू व बद्रीनाथ सर्च किया था, जिससे कि पुलिस को लगे कि कारोबारी अपनी मर्जी से वहां गया है और भगौड़े सिपाही की तरफ शक की सुई न घूमे। सिपाही के संबंध में कई और चैंकाने वाले पर्दाफाश हुए है।
एसीपी के खिलाफ दर्ज करा दिया था मुकदमा
सिपाही ने भगौड़ा घोषित होने से पहले एसीपी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद से वह गौरहाजिर हो गया था। उसका वेतन आना भी बंद हो गया था। सिपाही वर्ष 2005 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था।
लस्सी पिलाकर दिया हत्या की घटना को अंजाम
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खां ने बताया कि आरोपी ने लस्सी पिलाकर कारोबारी की हत्या की घटना को अंजाम दिया था। घटना वाले दिन 10 अगस्त को आरोपी प्रवीण ने अंकुश की हत्या करने के बाद शव को कार की डिग्गी में ले जाकर शारदा गोलचक्कर के समीप जंगल में फेंक दिया था।
यह है मामला
अल्फा दो सेक्टर में रहने वाले अंकुश शर्मा कारोबारी थे। उनका पास रेलवे का कांट्रेक्ट था। उन्होंने प्रवीण को एक मकान बेचा था। जिसकी कीमत एक करोड़ से अधिक थी। कुछ रकम लेने के बाद कारोबारी अधिक डिमांड करने लगा और रजिस्ट्री से मना कर दिया, इस बात से नाराज होकर प्रवीण ने अंकुश की गला दबाकर हत्या कर दी थी।
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