द न्यूज गली, नोएडा : वीआईपी नंबरों की बोली प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आ रही है। बोली लगने के बाद नंबर खरीदा नहीं जा रहा, जिससे इनकी कीमत अपने आप गिर जाती है। इस प्रक्रिया से परिवहन विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, यह खेल किसी गैंग द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो बोली प्रक्रिया को अपने तरीके से मोड़ रहा है।

13 लाख की बोली, 2 लाख में बिका नंबर
हाल ही में यूपी 16 ईयू सीरीज के 0007 नंबर के लिए 13.23 लाख रुपये की बोली लगाई गई, लेकिन बाद में इसे केवल 2 लाख रुपये में खरीदा गया। इसी तरह, दो महीने पहले ईपी सीरीज के 0001 नंबर पर 32 लाख रुपये की बोली लगाई गई थी, लेकिन अंत में यह केवल 3 लाख रुपये में बिका। यह समस्या बार-बार सामने आ रही है, लेकिन विभाग इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

बोली लगी लाखों में, बिक्री हजारों में
हर बार बोली प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर विसंगतियां देखी जा रही है। 10 से 15 लाख रुपये तक की बोली लगने वाले नंबर अंततः 1 से 2 लाख रुपये में बिक रहे है। यह खेल हर महीने दोहराया जा रहा है। बोली लगाने वाले लोग अंतिम समय में राशि जमा नहीं करते, जिससे नंबर कम कीमत पर आवंटित हो जाते है।

गैंग के खेल से विभाग को नुकसान
नीलामी की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। एक ही ग्रुप, परिवार या कंपनी के कई लोग एक ही नंबर पर बोली लगाते है। सबसे अधिक बोली लगाने वाला व्यक्ति जब राशि जमा नहीं करता, तो तीसरे स्थान पर बोली लगाने वाले को नंबर आवंटित कर दिया जाता है।

कठोर नियम बनाने की तैयारी
उप संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि कुछ लचीले नियमों का लोग दुरुपयोग कर रहे है। इस मामले को लेकर शासन से सख्ती के लिए बातचीत की जाएगी। यदि नियम सख्त नहीं किए गए, तो विभाग को नुकसान झेलना पड़ सकता है।