द न्यूज गली, नोएडा : नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए साइबर ठगी के मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थाना फेस-1, सेक्टर-20 पुलिस और साइबर टीम की संयुक्त कार्रवाई में यह गिरोह पकड़ा गया। यह गिरोह लोन, इंश्योरेंस पॉलिसी और शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुका है।

कार्रवाई की पूरी जानकारी
शनिवार को पुलिस ने सेक्टर-2 स्थित प्लॉट नंबर ए-44 के तीसरे तल पर संचालित फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा। वहां से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में गणेश ठाकुर, प्रभाष झा, मनीष कुमार झा, परवेज आलम, शुभम यादव, ज्ञानेन्द्र, शबनम और अराधना शामिल है।

बरामदगी की सूची
पुलिस ने मौके से 17 मोबाइल फोन, एक सीपीयू, 21 एटीएम कार्ड, 6 आधार कार्ड, 5 वोटर आईडी कार्ड, 3 पैन कार्ड, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 1 जीएसटी सर्टिफिकेट, 1 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, 1 रेंट एग्रीमेंट और 2660 रुपये नकद जब्त किए है।

कैसे करते थे ठगी?
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह जस्टडायल जैसे प्लेटफॉर्म से डेटा जुटाकर जरूरतमंद लोगों को लोन और इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगता था। ये लोग बैंकों के फर्जी कर्मचारी बनकर कॉल करते थे। शबनम खुद को पूजा शर्मा और अराधना खुद को रिंकी वर्मा के नाम से पेश करती थीं। ग्राहकों को आसान शर्तों पर लोन दिलाने का झांसा देकर उनसे 10-15% रकम पहले ही वसूल लेते थे। बाद में उन्हें न लोन मिलता और न ही संपर्क। इसके अलावा, लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने या टैक्स और आरबीआई नियमों के नाम पर अतिरिक्त रकम वसूलते थे। कई बार शेयर बाजार में निवेश के झूठे वादे कर लोगों से बड़ी धनराशि ऐंठी जाती थी।

सुनियोजित तरीके से काम
गिरोह का काम इतना सुनियोजित था कि ग्राहकों का विश्वास बनाए रखने के लिए ये लोग भारतीय रिजर्व बैंक और सरकारी दस्तावेजों की फर्जी कॉपी व्हाट्सएप पर भेजते थे। महिलाओं से कॉल कराकर संदेह कम करते थे। उत्तर प्रदेश से बाहर के लोगों को निशाना बनाते थे ताकि शिकायत दर्ज करने में समय लगे।

6 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा
अब तक गिरोह ने 6 करोड़ रुपये की ठगी की बात कबूली है। नोएडा निवासी नरेश कुमार से 1 करोड़ रुपये ठगने का मामला भी सामने आया है। पुलिस अभी आगे की जांच कर रही है।