द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में फ्रेशर्स के लिए दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य नए छात्रों को नए परिवेश में सहज महसूस कराने, उनमें संस्थान की विशिष्ट प्रकृति तथा संस्कृति को सिखाने, अन्य छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ एक संबंध बनाने तथा उन्हें व्यापक उद्देश्य तथा स्वयं की खोज की भावना से परिचित कराना था। कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि पूर्व प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने भारत की उच्च उपयोगिता वाले युवा शक्ति के महत्व पर जोर दिया और बताया कि उनके पास पूरे विश्व में अवसर हैं। उन्होंने स्वस्थ और खुश रहने और सफलता प्राप्त करने के लिए अच्छी आदतों, अनुशासन, सकारात्मकता और जीवन शैली के कई अन्य पहलुओं पर जोर दिया। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के बारे भी बताया।

व्‍यावहारिक ज्ञान जरूरी
बीएसएफ के पूर्व डीआईजी नरेंद्र नाथ ने जीवन के छोटे-छोटे उदाहरण देकर नियमित शिक्षा व दूरस्थ शिक्षा में अंतर समझाया। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान का होना भी परम आवश्यक है। पूर्व सिविल सर्वेंट डाक्‍टर तन्नू जैन ने कहा कि विद्यार्थी जीवन तपस्या का जीवन है। हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास, संकल्प और कठिन परिश्रम के साथ आगे बढ़ना होगा। विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाइके गुप्ता ने छात्रों को कहा कि आप अपने क्रिएटिव आइडिया लेकर आएं, यूनिवर्सिटी आइडिया को धरातल पर लाने के लिए मदद करेगी और किस तरह आप उससे सोसायटी हेल्प कर सकते है। कहा कि विश्वविद्यालय का मूल उद्देश्य ज्ञान पैदा करना है, आपको यह देखने की जरूरत है कि उस ज्ञान को मानव समाज में कैसे लाया जा सकता है।