-पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी माॅडल के तहत सर्वाधिक घाटे वाले क्षेत्र से होगी शुरूआत
-बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद भी नहीं हुआ उम्मीद के मुताबिक सुधार
द न्यूज गली, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर प्रदेश सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। ऊर्जा क्षेत्र के बढ़ते घाटे के मद्देनजर प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को अब निजी क्षेत्र में सौंपा जाएगा। पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल के तहत पहले-पहल राज्य के सर्वाधिक घाटे के पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम (विद्युत वितरण निगमों) वाले क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा।
बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने शक्तिभवन मुख्यालय में डिस्काम के प्रबंध निदेशकों से लेकर मुख्य अभियंताओं की बैठक में सभी से ऊर्जा क्षेत्र को घाटे से उबारने के बारे में सुझाव मांगे। ज्यादातर ने उड़ीसा में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत टाटा पावर द्वारा की जा रही बिजली आपूर्ति के माडल का अध्ययन कर अपनाने सुझाव दिया। आरडीएसएस (संशोधित वितरण क्षेत्र योजना) को लेकर बुलाई गई बैठक में अध्यक्ष द्वारा वितरण निगमों की खराब वित्तीय स्थिति का जिक्र करते हुए कहा गया कि तमाम कोशिशों के बावजूद कारपोरेशन का घाटा बढ़ता जा रहा है। जितनी बिजली खरीदी जा रही है उतने विद्युत राजस्व की वसूली नहीं हो रही है।
वित्तीय वर्ष में 46,130 करोड़ रूपये के सहयोग की पड़ी जरूरत
प्रदेशवासियों को बिजली आपूर्ति के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही कारपोरेशन को सरकार से 46,130 करोड़ रुपये के सहयोग की जरूरत पड़ी है। यही स्थिति रहने पर अगले वर्ष लगभग 50-55 हजार करोड रूपये तथा फिर 60-65 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इस पर अधिकारियों-अभियंताओं ने कहा कि विद्युत राजस्व वसूली बढ़ाने से लेकर लाइन हानियां घटाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद भी नहीं हुआ सुधार
बिजली चोरी रोकने को विजिलेंस के छापे और बड़े पैमाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई फिर भी वित्तीय स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सुझाव दिया गया कि ज्यादा घाटे वाले क्षेत्रों की वित्तीय स्थिति को सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर सुधारा जाए। इसमें सहयोग करने वाले निगम के मौजूदा अभियंताओं-कर्मचारियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए। कहा गया कि उड़ीसा में टाटा पावर के बिजली आपूर्ति संबंधी माडल को अपनाया जा सकता है।
एमडी निजी कंपनी का और सरकार का होगा अध्यक्ष
बैठक में कहा गया कि अपनाए जाने वाले पीपीपी माडल में निजी कंपनी का प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष सरकार का होगा। दावा किया जा रहा है कि अध्यक्ष सरकार का होने से विद्युत उपभोक्ताओं से लेकर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों को सुनिश्चित किया जा सकेगा। बैठक में कहा गया कि संविदाकर्मियों के हितों का भी ध्यान रखा जाए। सुझावों पर अध्यक्ष ने कहा कि प्रबंधन, अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा शर्तें, सेवा-निवृत्ति लाभ आदि में कोई कमी नहीं होने देगा।