-26 अक्‍टूबर को जिले में आ रहे मुख्‍य सचिव से करेंगे मुलाकात
-दीपावली के बाद किसान संगठन बना रहे बड़े आंदोलन की रूपरेखा


द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: जिस हाई पावर कमेटी से किसानों को बड़ी उम्‍मीद थी, हजारों किसानों के द्वारा महीनों से कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए किसानों ने नौ दिन तक डीएम कार्यालय पर धरना दिया। उस रिपोर्ट को देखकर किसानों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। किसानों ने रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। किसानों का कहना है कि यह रिपोर्ट प्राधिकरण अधिकारियों के दबाव में बनाई गई है। रिपोर्ट तैयार करने वालों ने न्‍यायालय व संसद में पारित किए गए कानून को भी गलत बता दिया है।


नई रणनीति बनाने में जुटे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने हाई पॉवर कमेटी द्वारा शासन की भेजी गई रिपोर्ट को पूरी तरह से असंवैधानिक और गैर कानूनी बताया। किसानों का कहना है कि 26 अक्टूबर को जिले में आ रहे मुख्य सचिव से मुलाकात कराकर रिपोर्ट को खारिज कर किसानों के हित में शासन की रिपोर्ट भेजे जाने की मांग की जाएगी। दीपावली के बाद सभी किसान संगठनों की राय से राष्ट्रीय स्तर का आन्दोलन शुरू किए जाने की चेतावनी दी है। इसके लिए गांव-गांव में संपर्क का दौर जल्‍द शुरू होगा।


रिपोर्ट में न्‍यायालय के आदेश को भी नहीं किया स्‍वीकार
किसानों का कहना है कि पुराने कानून के तहत मिलने वाले 10 प्रतिशत प्लॉट , 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर जिसे हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। नए कानून के लागू होने के बाद कानून के अनुसार मिलने वाले 20 प्रतिशत प्लॉट और 4 गुना मुआवजा तथा किसानों और भूमिहीनों के बच्चों को रोजगार आदि की सुविधाएं जिन्हें देश की संसद के दोनों सदनों ने मिलकर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से देश में लागू किया गया। रिपोर्ट में उसे भी स्‍वीकार नहीं किया गया है। सुनील फौजी का कहना है कि  राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष, कमिश्‍नर व डीएम न्‍यायालय व संसद के फैसले से इतर रिपोर्ट कैसे तैयार कर सकते हैं। इससे बड़ा किसानों के साथ धोखा या विश्वासघात नहीं हो सकता है। किसानों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस रिपोर्ट के खिलाफ और अपने अधिकारों के लिए आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।