-3.9 करोड़ रुपये अन्य खाते में ट्रांसफर किए गए
-फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेजों का किया गया इस्तेमाल


द न्यूज गली, नोएडा: थाना सेक्टर-58 पुलिस ने 25,000 रुपये के वांछित अपराधी राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। इसने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर नोएडा विकास प्राधिकरण की एफडी से 3.9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। पुलिस के अनुसार, अपराधी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया था।


कैसे हुआ 3.9 करोड़ रुपये का घोटाला
अपराध की शुरुआत तब हुई जब नोएडा विकास प्राधिकरण ने बैंक ऑफ इंडिया की सेक्टर-62 शाखा में 200 करोड़ रुपये की एफडी बनवाई थी। 26 जून, 2023 को यह एफडी बैंक के खाते में जमा की गई थी, लेकिन 30 जून, 2023 को 3.9 करोड़ रुपये एक अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। जब 9 करोड़ रुपये का और ट्रांसफर करने की कोशिश की जा रही थी, तब बैंक को शक हुआ और इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ।


फर्जी दस्तावेजों का किया इस्तेमाल
नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से मामला दर्ज किया गया था और पता चला कि बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की गई एफडी असली नहीं थी। इसमें फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। अपराधियों ने प्राधिकरण के खाते से पैसा निकालने के लिए फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेज तैयार किए थे।


पहले भी हो चुकी थी गिरफ्तारियां
इस मामले में पहले से ही कुछ आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके है। मुख्य आरोपी अब्दुल खादर, जिसने नोएडा प्राधिकरण के खाते से 3.9 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे, को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा राजेश पांडेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू, मन्नू भोला और त्रिदिब दास जैसे अन्य आरोपियों को भी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक, मन्नू भोला इस पूरे ऑपरेशन का मास्टरमाइंड था, जिसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की योजना बनाई थी।


राहुल मिश्रा की गिरफ्तारी
इस मामले में वांछित चल रहे अपराधी राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा को शुक्रवार को थाना सेक्टर-58 नोएडा पुलिस, सर्विलांस सेल नोएडा जोन और क्राइम ब्रांच पुलिस की संयुक्त टीम ने दुर्गापुरी चौक के पास दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से एक आधार कार्ड, दो पेन कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, दो डेबिट कार्ड, सात क्रेडिट कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद किये गये है। राहुल मिश्रा पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित था। उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी एफडी बनाकर 3.9 करोड़ रुपये की राशि को तीन खातों में ट्रांसफर किया था।


घोटाले में मिले लगभग 5 लाख
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान राहुल मिश्रा ने बताया कि उसने अपनी असली पहचान छुपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। राहुल मिश्रा के नाम पर उसने कैनरा बैंक में एक खाता भी खुलवाया और दो मोबाइल नंबर भी हासिल किए। राहुल मिश्रा ने पुलिस को बताया कि इस घोटाले से उसे लगभग 5 लाख रुपये मिले थे। बाकी पैसा अब्दुल खादर, राजेश पांडेय, सुधीर, मुरारी और राजेश बाबू के बीच बंट गया था।


फर्जी दस्तावेजों का जाल
इस धोखाधड़ी में सबसे अहम भूमिका फर्जी दस्तावेजों की थी। अभियुक्तों ने नोएडा प्राधिकरण के नाम से खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेजों में जालसाजी की। उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया से संपर्क किया और असली दस्तावेजों को जाली दस्तावेजों से बदल दिया। अब्दुल खादर ने खुद को प्राधिकरण के खाते का अधिकृत संचालक बताया और बैंक खाते से 3.9 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। हालांकि, इस धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले अन्य आरोपियों को भी पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस अब इस मामले में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। इसके अलावा, जिन बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से यह धोखाधड़ी संभव हुई, उनके खिलाफ भी जांच की जा रही है।