द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : थाना बिसरख पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो भोले-भाले व्यापारियों को नोट बदलने के नाम पर झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त तीन लग्जरी कारें और ठगी की गई 4,83,500 रुपये की नकदी बरामद की है।
घटना का खुलासा ऐसे हुआ
पीड़ित रोबिन नामक व्यक्ति और उसके मित्र विवेक मिश्रा की दोस्ती पवन कुमार मिश्रा से हुई थी, जिसने उन्हें लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल शर्मा और अरमान से मिलवाया। इन लोगों ने रोबिन और विवेक को लालच दिया कि अगर वे 10 लाख रुपये 500-500 के नोटों में देंगे तो उन्हें तुरंत 12 लाख रुपये छोटे नोटों में लौटाए जाएंगे। इस ‘तुरंत 2 लाख रुपये के मुनाफे’ के झांसे में आकर रोबिन और विवेक 1 जुलाई को चेरी काउंटी स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंचे, जहां उन्हें ठगी का शिकार बनाया गया।
जैसे ही पीड़ितों ने नकदी दिखाई, आरोपियों ने पैसों से भरा बैग छीन लिया और तीन अलग-अलग कारों में बैठकर मौके से फरार हो गए। इस संबंध में थाना बिसरख पर बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
कार्रवाई की जानकारी
थाना बिसरख पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 जुलाई को रोजा याकूबपुर के पास से तीन आरोपियों—लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल शर्मा (मध्यप्रदेश), पवन कुमार मिश्रा (अमेठी), और संजीव (हरियाणा)—को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से तीन कारें (सलाविया, आई-20 और स्कॉर्पियो) तथा कुल 4,83,500 रुपये की नगदी बरामद हुई।
पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
पूछताछ में यह सामने आया कि गिरोह के सदस्य अमूमन अमीर और भोले व्यापारियों को निशाना बनाते थे। पवन मिश्रा का काम ऐसे लोगों से संपर्क साधना होता था, जिन्हें तुरंत लाभ का लालच देकर मीटिंग के लिए बुलाया जाता था। लोकेश मिश्रा गिरोह का मुखिया है, जो पहले भी गाजियाबाद और झांसी में इसी तरह की घटनाओं में जेल जा चुका है। संजीव व अरमान भी इस गैंग के सक्रिय सदस्य हैं।
गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास
लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल शर्मा के खिलाफ झांसी और गाजियाबाद में कई मामले दर्ज हैं।
पवन कुमार मिश्रा और संजीव के खिलाफ थाना बिसरख में एफआईआर दर्ज है।
बरामद सामान
तीन कारें: सलाविया (DL7CW6906), आई-20 (DL12CG4283), स्कार्पियो (UP14GK1733)
कुल नगद राशि: ₹4,83,500
