द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में एवं डीसीपी महिला सुरक्षा के पर्यवेक्षण में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा लगातार बाल मजदूरी व शोषण के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में एक जनवरी 2023 से अब तक करीब ढाई साल में पुलिस द्वारा होटल-ढाबा व अन्य स्थानों पर मजदूरी कार्य में लिप्त कुल 668 बच्चों का रैस्क्यू कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया है।
पहले जगह की हुई पहचान
पुलिस द्वारा सतर्कता और निगरानी बढ़ाते हुए ऐसे स्थानों की पहचान की गई जहां पर जबरन नाबालिग बच्चों से मजदूरी व अन्य कार्य कराये जा रहे थे। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के अंतर्गत ऐसे स्थानों को चिन्हित करके पुलिस टीम द्वारा विशेष अभियान चलाकर जबरन नाबालिग बच्चों से मजदूरी कराने आदि अपराधों पर प्रभावी रोक लगायी गई है।
चलाया गया विशेष अभियान
एक जनवरी 2023 से दिनांक 30 अप्रैल 2025 तक कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाकर होटल-ढाबाओं पर काम कर रहे कुल 165 बच्चों व अन्य स्थानों पर मजदूरी में लिप्त 502 बच्चो का रैस्क्यू कराया गया है। दिनांक 11 नवंबर 2024 को थाना सेक्टर-142 क्षेत्र के अंतर्गत एक सोसाइटी में एक फ्लैट के अंदर एक नाबालिग बच्ची से जबरन घर का काम कराये जाने की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय पुलिस टीम द्वारा छापा मारकर बच्ची का सफल रैस्क्यू किया गया था तथा फ्लैट मालिक व उसकी पत्नी के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करते हुए कानूनी कार्यवाही अमल में लायी गयी थी।
पुनर्वास सेवाएं दी गई
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा नाबालिग बच्चों का रैस्क्यू कराने के साथ-साथ कई संस्थाओं के माध्यम से ऐसे बच्चो को पुनर्वास सेवाएं और सहायता प्रदान की गई है। इन सभी बच्चों की शिक्षा व अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ पुलिस टीम द्वारा इनके परिजनों को भी भविष्य में मजदूरी कराने पर विधिक कार्यवाही करने के संबंध में चेतावनी दी गई है। शिक्षा के माध्यम से ऐसे बच्चो और उनके परिवारों को समाज के साथ पुनः जोड़ने हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है। जिससे भविष्य में शिक्षा के माध्यम से ऐसे बच्चो को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान हो सके। सभी बच्चों की समय-समय पर पुलिस टीम द्वारा काउंसलिंग भी की जाती है।
जागरूकता अभियान जारी
पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर के निर्देशन में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर को बाल मजदूरी मुक्त बनाने की दिशा में कार्य करते हुए पुलिस अधिकारीगण द्वारा झुग्गी बस्तियों एवं अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों से संवाद कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है कि वह अपने बच्चों को शिक्षा देकर बेहतर जीवन प्रदान करें , न कि मजदूरी।
