-इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित हो रहा है एक्सपो
-देश-विदेश की नामी ऑटो कंपनियां ले रही हैं हिस्सा
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में शहरी मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर शो (UMIS) 2025 और भारत कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट एक्सपो (BCEE) की शुरुआत रविवार से हो गई। यह एक्सपो 21 जनवरी तक चलेगा। जिसमें ऑटो कंपनियों के द्वारा इलेक्ट्रिक व वाणिज्यिक वाहनों को प्रदर्शित किया गया है। एक्सपो में 20 हजार से अधिक व्यापारियों के आने की उम्मीद है। बड़ी संख्या में लोगों ने एक्सपो में कंपनियों के नए वाहनों व उसमें मिलने वाली सुविधाओं को देखा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य सचिव, सुनील बर्थवाल ने रविवार को एक्सपो का उदघाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि UMIS 2025 एक ऐतिहासिक पहल है, जो मोबिलिटी क्षेत्र के नीति निर्माताओं, विचारकों, उद्योग विशेषज्ञों और वैश्विक भागीदारों को एकत्रित करती है। हमारा उद्देश्य एक अधिक स्थिर और आपस में जुड़ी हुई व्यवस्था तैयार करना है। इस अवसर पर इंडिया एक्सपो सेंटर लिमिटेड के अध्यक्ष डाक्टर राकेश कुमार, EEPC इंडिया के अध्यक्ष पंकज चड्ढा, ICEMA के अध्यक्ष वी. विवेकानंद सहित अन्य लोग मौजूद थे।

वैश्विक निर्यात में है योगदान
सुनील बर्थवाल ने कहा कि हमारा इंजीनियरिंग और मोबिलिटी क्षेत्र पहले से ही वैश्विक निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। UMIS 2025 केवल क्षमताओं का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह भारत की नवाचार को बढ़ाने और वैश्विक मांगों को पूरा करने की क्षमता का प्रमाण भी है। उन्होंने भारत के अनूठे जनसांख्यिकीय लाभ और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। कहा भारत की युवा शक्ति हमारी स्वाभाविक ताकत है, जो हमें मोबिलिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर कर सकती है। UMIS 2025 जैसे आयोजन उन मंचों का निर्माण करते हैं जहाँ प्रतिभा, उद्योग और अकादमिक जगत मिलकर न केवल भारत, बल्कि दुनिया के लिए समाधान तैयार करते हैं।
चीन को छोडेंगे पीछे
ICEMA के अध्यक्ष और Caterpillar इंडिया के एमडी वी. विवेकानंद ने कहा कि निर्माण उद्योग ने पिछले चार वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि का अनुभव किया है। जो न केवल मजबूत घरेलू मांग के कारण बल्कि निर्यात मांग में भी वृद्धि के कारण हुआ है। भारतीय निर्माता अपनी उत्पादों के लिए वैश्विक पहचान प्राप्त कर चुके हैं, जिन्हें अब दुनिया भर में उच्चतम गुणवत्ता के बराबर माना जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा निर्माण उद्योग है, जो तेज़ी से वृद्धि कर रहा है। यह प्रगति मुख्य रूप से भारतीय सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर दिए गए महत्व के कारण है, जो देश की वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में एक मिशन-क्रिटिकल तत्व है। इस गति से यह उद्योग जल्द ही चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्माण बाजार बन जाएगा। 2047 तक यह एक $100 बिलियन उद्योग बनने का अनुमान है, जो भारत को निर्माण उपकरणों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बना देगा।
