-एनजीटी के आदेश के बाद भी प्राधिकरण ने लगवाई थी टाइल्‍स
-आदेश के बाद भी अभी तक नहीं हटाई गई है टाइल्‍स

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: एनजीटी के आदेश के बाद भी नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर में जगह-जगह इंटर लाकिंग टाइल्‍स लगवाई थी। इस काम पर करोड़ों रुपये व्‍यय हुए थे। टाइल्‍स लगने के कारण वर्षा का जल जमीन के अंदर पहुंचने की बजाए नालों में बह जा रहा था। पर्यावरण प्रेमी विक्रांत तोंगण ने मामले की शिकायत एनजीटी में की थी। पूर्व में हुई सुनवाई में एनजीटी ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को फटकार लगाई थी। आदेश दिया था कि जहां-जहां पर नियम के विपरीत टाइल्‍स लगाई गई है उसे हटाया जाए।

फिर नहीं हुआ आदेश का पालन
मामले की सुनवाई के दौरान प्राधिकरण ने यह दावा किया था कि अधिकतर स्‍थानों से टाइल्‍स को हटवा दिया गया है। विक्रांत तोंगण ने विभिन्‍न स्‍थानों पर लगी टाइल्‍स की फोटो दिखा कर प्राधिकरण के दावे को झूठा साबित कर दिया था। एनजीटी ने मामले में सुनवाई की तिथि 8 नवंबर निर्धारित की थी। साथ ही प्राधिकरण को दस दिन का समय दिया था। यह कहा था कि दस दिन में विभिन्‍न स्‍थानों पर लगाई गई टाइल्‍स को हटवा दिया जाए। आदेश का पालन नहीं हुआ है, शहर में जगह-जगह टाइल्‍स लगी हुई है। ऐसे में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में प्राधिकरण अधिकारियों के खिलाफ एनजीटी कड़ा आदेश जारी कर सकता है।

यह था आदेश
प्राधिकरण के द्वारा शहर में जगह-जगह टाइल्‍स लगवाई जा रही है। इसमें सड़क के किनारे, ग्रीन बेल्‍ट व अन्‍य स्‍थानों पर टाइल्‍स लग गई। इससे सुंदरता तो बनी लेकिन बारिश का पानी रिस कर जमीन के अंदर जाने की बजाए नालों में जाने लगा। मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने आदेश दिया था कि पूरी ग्रीन बेल्‍ट व पेड़ के एक मीटर के दायरे में टाइल्‍स न लगाई जाए। जहां-जहां पर टाइल्‍स लगी है उसे तत्‍काल हटा दिया जाए। आदेश का पालन करने में प्राधिकरण अधिकारियों ने हीलाहवाली की।