-प्राचीन भारतीय गौरव और वर्तमान चुनौतियां विषय पर
हुई गोष्ठी
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: राष्ट्रचिंतना की तेईसवीं गोष्ठी का आयोजन नॉलेज पार्क स्थित जीएनआइओटी कॉलेज में किया गया। गोष्ठी में विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। वक्ताओं के द्वारा विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए गए। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रोफेसर बलवंत सिंह राजपूत ने की। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा में काशी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की महत्ता पर प्रकाश डाला। गोष्ठी में मुख्य वक्ता महिम तिवारी, संस्थापक सनातन शिक्षालय थीं। मां भारती व मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर गोष्ठी का प्रारंभ किया गया। विषय परिचय करवाते हुए प्रोफेसर विवेक कुमार, निदेशक एमिटी इंस्टीट्यूट कहा कि प्राचीन काल से ही भारतवर्ष के ऋषि मुनि जल संरक्षण आदि नवाचार के प्रणेता रहे, जिस कारण भारत ज्ञान के शिखर पर रहा। वेद,दर्शन,योग के विद्यार्थी रहे कवि महिम ने अपने ओजपूर्ण संबोधन में वेदों को उद्धृत कर कहा कि समाज की अनेक बुराइयों जैसे शिक्षा में राष्ट्र प्रेम का अभाव, अपनी गौरवपूर्ण सभ्यता संस्कृति तथा संस्कारों के प्रति भाव का अभाव, युवाओं में नशावृत्ति, समाज में नारीशक्ति का अनादर, परिवार विच्छेद आदि समस्याओं का सनातन शिक्षा पद्धति तथा अपने ग्रंथों के विवेकपूर्ण अध्ययन द्वारा ही निवारण संभव है। पाश्चात्य शिक्षा से अबोध युवाओं के मन पर विपरीत असर हो रहा है। युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ने से आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। अतः आवश्यक है कि युवा सोशल मीडिया पर उपलब्ध नग्नता, अश्लीलता की मृगतृष्णा से बचें ।
गुण और कर्म से वर्ण का विभाजन
योगेश्वर श्री कृष्ण ने कहा कि जाति व्यवस्था का गीता में कहीं उल्लेख नहीं किया है। जबकि विधर्मी और अराजक तत्व इसी तरह के दुष्प्रचार करते हैं। गुण और कर्म के बल पर ही वर्ण विभाजित किए गए हैं। अतः आवश्यक है कि योग्य गुरु समाज में युवाओं के मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध हो अन्यथा शिक्षा दुर्घटना का कारण बन सकती है। शास्त्रों की व्याख्या गलत ना हो । परंपरा का पालन हो। गौ का अभिप्राय गाय, जिव्हा और इंद्रियों से है। गोमेद का अर्थ कदापि गौ मांस भक्षण नहीं है। ऋषि कथन है कि प्रकृति के समस्त अवयव कल्याण में रहे। मनुष्य मांस भक्षण के लिए अपने चार दांत की अपेक्षा बुद्धि का सदुपयोग करें । अनर्गल तर्क प्रस्तुत न करें। इस अवसर पर विंग कमांडर आरएन शुक्ला, नरेश गुप्ता, प्रोफेसर राजेंद्र पुरवार, राजेंद्र सोनी, इंद्रजीत सिंह, डाक्टर नीरज कौशिक, इं रविन्द्र पाल सिंह, संजीव शर्मा, राकेश कुमार सिंह, प्रो सतीश गर्ग, माधुरी गर्ग, अवधेश गुप्ता, ज्योति सिंह, धर्म पाल भाटिया, विनोद शर्मा, कवयित्री अंजलि शिशोदिया, डॉ संदीप कुमार, राजेश बिहारी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
