द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: जेवर और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अब ग्रेटर नोएडा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सर्वोच्च न्यायालय के यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे एकीकृत विकास के लिए जमीन अधिग्रहण की वैधता को बरकरार रखने के फैसले ने एक बड़े अस्पताल के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। भूमि विवाद के चलते यह प्रोजेक्ट लंबे समय से अटका हुआ था। कोर्ट के निर्णय के बाद यमुना प्राधिकरण ने अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने की योजना बनाई है।

घायलों के लिए होगा ट्रामा सेंटर
ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ ट्रामा सेंटर बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-22ई में 24 हजार वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई थी। हालांकि, किसानों के न्यायालय जाने से यह निर्माण कार्य रुक गया था। अब सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से प्राधिकरण के पक्ष में मामला सुलझ गया है।

जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
अस्पताल के लिए बजट पहले ही आवंटित किया जा चुका है। यमुना प्राधिकरण ने कोर्ट के आदेश के बाद अस्पताल समेत अन्य रुकी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज कर दिया है। यह अस्पताल क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बनेगा और यमुना एक्सप्रेसवे के हादसों में घायलों को जीवन रेखा प्रदान करेगा।