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द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : जेल में बंद किसानों से मिलने के लिए शुक्रवार को वकीलों का एक जत्था पहुंचा। वकील पिछले 4 दिनों से किसानों से मिलने की मांग कर रहे थे। शुक्रवार को उमेश भाटी एडवोकेट (अध्यक्ष) धीरेंद्र भाटी एडवोकेट (सचिव) श्याम सिंह भाटी चिटहैरा एडवोकेट पवन पतला खेड़ा एडवोकेट अनिल भाटी एडवोकेट सुनील खटाना एडवोकेट सुमित चपरगढ़ एडवोकेट सुशील यादव एडवोकेट उम्मेद त्याग एडवोकेट धर्मेंद्र भाटी एडवोकेट देवेंद्र खारी ने जेल में बंद किसानों से मुलाकात की। इस दौरान वकीलों ने किसान नेता सुखबीर खलीफा, डॉक्टर रुपेश वर्मा, सोरेन प्रधान, सुनील फौजी, उदल सिंह से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। किसानों को भरोसा दिलाया कि वकील एकता उनके साथ है। उनको हर तरह की कानूनी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं किसानों ने भी कहा कि किसान आंदोलन में वकीलों का साथ जरूरी है।
प्रक्रिया तेजी से पूरा करने का निर्देश
किसानों की मांगों पर अमल करने के लिए शासन ने राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में मेरठ मंडलायुक्त और जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर की तीन सदस्यीय समिति की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी। इस समिति की सिफारिशों पर अमल करने के लिए विगत 7 दिसंबर को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासन के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव के निर्देशों के मद्देनजर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भूलेख विभाग को 7 गांवों के 615 किसानों को भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि सैनी, सिरसा, पतवाड़ी, थापखेड़ा, घंघोला, रोजा याकूबपुर और इटैहरा गांव के 615 किसानों के आबादी भूखंडों का आवंटन जल्द करने की तैयारी हैं। इन किसानों की पात्रता पात्रता सूची का प्रकाशन के बाद सुनवाई पूरी कर ली गई है। एक माह में किसानों को आबादी भूखंडों के आवंटन की तैयारी है।
गांव में लगेगा शिविर
इसके साथ ही उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए 62 गांवों के 3532 किसानों की पात्रता तय करने के लिए गांवों में 14 दिसंबर से शिविर का आगाज होने जा रहा है। पहले दिन सिराजपुर और कैलाशपुर में शिविर लगाए जाएंगे। इस शिविर में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग के एसडीएम या ओएसडी और तहसीलदार स्तर के अधिकारी मौजूद रहेंगे। गांव में सार्वजनिक स्थल पर सुबह 11 बजे से शिविर लगाया जाएगा। पात्रता तय करने के लिए किसानों से नक्शा-11, आधार प्रमाणपत्र, आवेदन और मूल किसान के जीवित न रहने पर वारिसान प्रमाणपत्र आदि कागजात लिए जा रहे हैं। बता दें, कि आबादी भूखंडों के लिए वही किसान पात्र होगा, जिसका नाम 28 जनवरी 1991 से पूर्व खतौनी में दर्ज हो और वह यहां का मूल निवासी हो। एसीईओ ने बताया कि लीजबैक के जिन प्रकरणों को शासन ने सही पाया है और लीजडीड करने की अनुमति दे दी है, उन किसानों को पत्र जारी कर दिए गए हैं। एक सप्ताह में प्रक्रिया पूरी कर इनकी लीज डीड कराने की तैयारी है।