-जेएनयू के प्रोफेसर, जीएल बजाज के डायरेक्टर सहित 10 गिरफ्तार
-नैक में सबसे बेहतर रेटिंग देने के लिए पैसा देने का है आरोप
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में नैक की बेहतर रेटिंग लेकर प्रवेश के लिए छात्रों को अपनी तरफ आकर्षित करने का खेल चल रहा है। मामले में सीबीआई जांच शुरू हो गई है। शिक्षा के क्षेत्र में चल रहे फर्जीवाड़े के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(नैक ) समिति के अध्यक्ष और 6 सदस्यों सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें जीएल बजाज कॉलेज ग्रेटर नोएडा के डायरेक्टर मानस कुमार मिश्रा भी शामिल हैं। नैक की रेटिंग लेने में राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे फर्जीवाड़े का तार जीएल बजाज कॉलेज से जुड़ने के बाद नॉलेज पार्क के साथ ही अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ ही देश के अन्य संस्थानों में भी खलबली मच गई है।
नैक रेटिंग में पैसा
शिक्षण संस्थान में नैक रेटिंग का मतलब सभी क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता अच्छी होना है। जिसका असर प्रवेश पर पड़ता है। नैक की रेटिंग देखकर छात्र उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए अधिक आकर्षित होते हैं। इस कारण नैक की रेटिंग में पैसों का खेल शुरू हो गया। नैक की सबसे अच्छी रेटिंग ए प्लस प्लस मानी जाती है। सीबीआई के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि अच्छी रेटिंग लेने के लिए पैसों का खेल चल रहा था। आंध्र प्रदेश में गुन्टूर के कोनेरू लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन के पदाधिकारियों व एनएमसी टीम के सदस्यों सहित 10 को गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई के अनुसार यह शिक्षण संस्थान रिश्वत देकर ए प्लस प्लस रेटिंग हासिल करने की कोशिश कर रहा था। गिरफ्तार आरोपितों में कोनेरू लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन के कुलपति जीपी सारधी, उपाध्यक्ष कोनेरू राजा हसीन, केएल यूनिवर्सिटी हैदराबाद के ए राम कृष्ट, एनएमसी टीम के अध्यक्ष समरेंद्र नाथ साहा, जेएनयू दिल्ली के प्रोफेसर व एनएमसी के समन्वयक राजीव सिजारिया, जीएल बजाज कॉलेज ग्रेटर नोएडा के डायरेक्टर मानस कुमार मिश्रा, दावणगेरे यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गायत्री देवराजा सहित अन्य लोग शामिल हैं।