द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: न्यू आगरा अर्बन सेंटर को यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों ओर विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए प्राथमिक चरण में सेक्टर और अन्य ढांचागत सुविधाओं के नियोजन से पहले इलाके का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वे में आबादी, हाइटेंशन लाइन, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों की जानकारी जुटाई जा रही है।
हाथरस के गांवों की जगह आगरा के गांव होंगे प्राथमिकता में
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, न्यू आगरा अर्बन सेंटर की योजना में 80 प्रतिशत गांव हाथरस जिले के शामिल कर लिए गए थे। अब यमुना प्राधिकरण ने यह स्पष्ट किया है कि न्यू आगरा अर्बन सेंटर में आगरा जिले के अधिसूचित गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्राधिकरण ने एजेंसी को दिए नए निर्देश
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने निर्देश दिए है कि अर्बन सेंटर को एक्सप्रेसवे की एक ओर सीमित करने के बजाय दोनों ओर विकसित किया जाए। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि एक्सप्रेसवे के दूसरी ओर अवैध निर्माण को रोका जा सके और शहर के विस्तार में रुकावट न आए।
मास्टर प्लान की जिम्मेदारी ट्रैक्ट वेल स्काई ग्रुप को सौंपी गई
आगरा जिले में अधिसूचित क्षेत्र के 10,500 हेक्टेयर में विकास योजनाओं के लिए मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी ट्रैक्ट वेल स्काई ग्रुप को दी गई है। एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एत्मादपुर क्षेत्र के 60 गांवों को शामिल किया था।
भौतिक सर्वेक्षण के बाद बनेगा ड्राफ्ट मास्टर प्लान
प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि एजेंसी को निर्देश दिए गए है कि वह न्यू आगरा अर्बन सेंटर में आगरा जिले के अधिसूचित गांव को प्राथमिकता देते हुए मास्टर प्लान तैयार करे। इसके साथ ही इलाके का भौतिक सर्वे किया जाए। जिससे यह सुनिश्चित हो कि जहां सेक्टर नियोजित किए जा रहे है या सुविधाएं विकसित की जाएंगी, वहां पहले से आबादी, राष्ट्रीय, राज्य राजमार्ग, जल संरचना, हाई या लो टेंशन लाइन न हो। भौतिक सर्वेक्षण के बाद मास्टर प्लान का ड्राफ्ट एक महीने में तैयार कर लिया जाएगा।
आगरा और हाथरस को मिलेगी विकास की नई दिशा
यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान के तहत गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा पहले से ही योजनाबद्ध विकास की ओर अग्रसर है। अब आगरा और हाथरस के अधिसूचित क्षेत्रों को नियोजित विकास के दायरे में लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।